#क_मीना_दिल_दस्तूरे_उल्फत_
पलक चपकते ही राह दोहरा दी,
दिल की डोर ने न सूना कीसीका,
वो सास ही ले रहे थे चैन की के,
मीना ने आवाज बुलंद ही कर दी,
वजुद-आलम का पैगाम मीना के,
ईश्क की राह मै नशे मे डूब गई,
हर वो मंझर जो आरजू मे न था,
सूरज नीकलता रहा हर घडी,
नशा न मीटा चाहत मीटाने को,
विज क्या करु ईस बात को बोल कर,
मीटा दीया शक्सीयत को दिल के पेगाम ने,,??
#विजु__vp