अयाज़ आलम के शेर को मकते में इस्तेमाल किया है
काश तुझे सर्दी के मौसम में लगे महोब्बत की ठंड,
और तू तड़प के मांगे मुझे कंबल की तरह,
काश तुझे गर्मी के मौसम में लगे महोब्बत की आग,
और तू तड़प के मांगे मुझे कूलर की तरह,
काश तुझे सावन के मौसम में लगे महोब्बत की बारिश,
और तू तड़प कर मांगे मुझे छाते की तरह,
काश तुझे पतझड़ के मौसम में लगे महोब्बत की आंधी,
और तू तड़प कर मांगे मुझे गुलमोहर की तरह,
काश तुझे बसंत के मौसम में लगे महोब्बत की खुशबू,
और तू तड़प कर मांगे मुझे फूलो की तरह,
काश तुझे प्यार के मौसम में लगे महोब्बत की चाहत,
ओर तू तड़प कर मांगे मुझे "पागल" की तरह।
"पागल"