एक बार फिर मेरे पापा की शहादत बेकार जाएगी,
सियासत के दौर में माँ की संवेदना हार जाएगी,
कुछ बड़े लोग हमारे घर तसल्ली देने आते रहेंगे,
उन दिनों पापा की शहीदी की खबर पसार जाएगी,
पाप को तिरंगे में देख दादी भी उदास हो जाएगी,
दादी को बिलखते देख दादा की हिम्मत हार जाएगी,
शहीदों की शहादत के पीछे की गंदी राजनीति,
शहीद परिवार को उनके जीते जी मार जाएगी,
इन सब बातों से उस मासूम पर क्या बीतेगी,
"पागल" शहीद के बेटे के चेहरे से बहार जाएगी।
"पागल"