कानून (लघुकथा)
चूहों ने एक सभा की।कई अनुभवी चूहों ने उसमें भाषण दिए।एक अत्यंत बुजुर्ग चूहे ने कहा- कानून का राज सबसे अच्छा होता है।कानून से सब डरते हैं इसलिए अपराध नहीं करते।
बात सभी को पसंद आई। आख़िर सर्वसम्मति से कानून बनाया गया कि अब से किसी चूहे को खाना कानूनन घोर अपराध माना जाएगा और इसके लिए उम्र क़ैद तक की सज़ा हो सकेगी।
अब बेचारी बिल्ली को क्या मालूम कि कानून क्या है,तो जैसे ही उसने झपट्टा मारकर एक चूहे को उदरस्थ किया, झट पुलिस आ गई।
बिल्ली पर मुक़दमा चला और उसे जेल हो गई।
बिल्ली ने जेल में परोसी गई रोटी खाने से साफ़ इंकार कर दिया। आख़िर प्राणी अधिकार आयोग के दबाव में आकर जेलर साहब को निर्देश दिया गया कि बिल्ली को रोज़ सुबह शाम जेल में चूहे परोसने की व्यवस्था की जाए।