ईश्वर (लघुकथा)
एक बार ईश्वर कहीं से गुज़र रहा था कि राह में उसे एक बच्चा मिला।ईश्वर ने बच्चे को अपना परिचय दिया और कहा कि मैं इसी तरह अपनी दुनिया देखने आता हूं।
बच्चे ने पूछा,आप इतने सतर्क हैं तो दुनिया इतनी ख़राब क्यों है?
ईश्वर ने आश्चर्य से कहा - क्या खराबी है,तुम मुझे झटपट बताओ, मैं तत्काल कुछ करूंगा।
बच्चा बोला - देखो,अभी सुबह की ही बात है, पापा चॉकलेट लाए थे।पर मेरी बहन ने बड़ी वाली तो खुद रख ली और छोटी मुझे दे दी।
- ओह,तो ये बात है। ईश्वर ने कहा - देखो, चॉकलेट मज़ेदार तो थी,पर उससे कभी कभी दांत भी ख़राब हो जाते हैं,इसलिए तुम तो खुश हो जाओ कि दीदी के दांत ज़्यादा ख़राब होंगे, तुम्हारे कम!
बच्चा बोला - अच्छा,तो तुम भी अपने को ऐसे ही समझाते हो?
ईश्वर निरुत्तर होकर आगे बढ़ गया।