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दिसम्बर 2018 को जयपुर के जलमहल के किनारे स्थित जयपुर म्यूज़ियम ऑफ इंडियन आर्ट में एक अनूठा कला - साहित्य उत्सव आयोजित किया गया।
तीन दिन चले इस आयोजन में जयपुर के 100 से अधिक युवा कलाकारों ने कैनवस पर चित्रांकन करके मनोरम चित्र उकेरे। चित्रों को मूल्यांकन करने के लिए जापान के इंडो जापान डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन की निदेशक इशिकावा एत्सुको तथा राजस्थान ललित कला अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ भवानी शंकर शर्मा को यह दायित्व सौंपा गया था जिन्होंने तीन कलाकारों को नकद पुरस्कार के लिए चुना।मुकेश कुमार, सोनिया कराडिया और मोहम्मद समीर खान को ये पुरस्कार प्रदान किए गए। उल्लेखनीय है कि चित्रों को वॉट्सएप के ज़रिए इंडो जापान डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन के कार्यालय भेज कर निर्णय प्राप्त किया गया था। ईशिकावा एत्सु को ने शिविर के सहभागियों को ऑन लाइन संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में युवाओं का कला से जुड़ना एक बेहतर संकेत है पर युवाओं को तमाम वैश्विक कला प्रयोगों के साथ साथ मूल कलात्मक बारीकियों को अपने सतत अभ्यास में लाना चाहिए। रियलिस्टिक आर्ट का कोई विकल्प नहीं है।
डॉ भवानी शंकर शर्मा ने भी कलाकारों का आहवान किया कि वे कला से जुड़े अनुसंधानों के भावनात्मक पक्ष को विलोप न होने दें।
तीसरे दिन एक काव्य स्पर्धा का आयोजन भी किया गया जिसमें उत्कृष्ट रचना के लिए डॉ बजरंग सोनी, चित्रा भारद्वाज और डॉ हर्षवर्धन को क्रमशः पुरस्कृत किया गया।
प्रतियोगिता के निर्णायक श्रीमती नीलिमा टिक्कू, श्री रमेश खत्री और श्री लोकेश कुमार सिंह साहिल थे । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ईश मधु तलवार थे। उन्होंने इस अवसर पर ट्रस्ट की इस तरह के प्रयास के लिए सराहना की। उनका कहना था कि जयपुर में आयोजित समांतर साहित्य उत्सव बड़े पैमाने पर आयोजित होता है, इससे सभी रुचि शील लोगों को जुड़ना चाहिए।
इसी के साथ कहानी पाठ स्पर्धा का भी आयोजन हुआ जिसमें डॉ अनीता मिश्रा, एस भाग्यम शर्मा और कविता मुखर को पुरस्कार के लिए चुना गया। ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल विजयवर्गीय ने सभी अतिथियों तथा सहभागियों का आभार माना।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में फ़िल्म सेंसर बोर्ड के पूर्व सदस्य राजीव अरोड़ा की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही।
कार्यक्रम का संचालन व संयोजन प्रबोध कुमार गोविल ने किया। समारोह में बड़ी संख्या में श्रोताओं और प्रतियोगियों के साथ साथ विश्विद्यालय, राजस्थान कॉलेज ऑफ आर्ट्स, कानोडिया कॉलेज, महारानी कॉलेज से विद्यार्थियों ने भी भाग लिया। ट्रस्ट जल्दी ही कला विषयक कोर्सेज का संचालन भी करने वाला है जिसमें कौशल के रूप में इन कलाओं से जुड़े युवाओं को रोजगार परक सहयोग मिल सकेगा।
-हिमांशु जोनवाल