"आप" (लघुकथा)
एक राजा को महल के शयनकक्ष में रात में कुछ मच्छरों ने परेशान किया। राजा सो न सका।
अगली सुबह दरबार में राजा ने दरबारियों से पूछा- वो कौन सी चीज़ है जो सोने नहीं देती?
सब दिमाग के घोड़े दौड़ाने लगे।
एक ने कहा- बीमारी
दूसरा बोला- लालच
तीसरे ने कहा- क्रोध
चौथा बोला- सत्ता
पांचवे ने कहा-दायित्व
छठे की आवाज़ आई- भूख
राजा संतुष्ट न हुआ। अंत में उसने यही सवाल महारानी के सामने रख दिया।
महारानी ने तपाक से कहा- आप!
दरबार में सन्नाटा छा गया। राजा भी स्तब्ध रह गया। अपने क्रोध पर नियंत्रण करके राजा ने कहा- आप अपनी बात को सिद्ध कीजिए, वरना आपको हमारे इस अपमान की सजा मिलेगी।
महारानी ने कहा- शयनकक्ष में चंद मच्छर आ गए थे, वे आराम से आपके चेहरे पर सो रहे थे, पर आप उन्हें बार बार उड़ा कर सोने नहीं दे रहे थे।
राजा निरुत्तर हो गया और दरबारी चकित।