आभासी दुनिया में होते है
रोज ही तरह तरह के आभास।
दूर रहने वाले अक्सर ऐसे लगते है।
जैसे रहते है हमारे पास..
कभी कभी लोग लगाते है
मुखौटे, अच्छाई के।
दिल में पाले रहते है,
कोई ना कोई खुराफात।
सजग रहना जरूरी है,
संवाद के साथ साथ
पहचान भी जरूरी है
इन आभासी दुनिया के मित्रों की..
संभल कर कीजिए दोस्ती,
ताकि दिल ना दुखे
और प्रदशर्नी ना लगे,
टूटे दिल के चित्रों की।
कविता नागर