पुरानी पीढ़ी ने जीवन में बहुत सी बातें लंबे अभ्यास और परिश्रम से सीखी हैं। क्या आप जानते हैं कि हमारे पास कोई कंप्यूटर या कैलकुलेटर नहीं होते थे, हम हिसाब के लिए अपने अध्यापकों से सज़ा भी पाते थे और डांट भी खाते थे। हम एक- एक शब्द की स्पेलिंग याद कर कर के सीखते थे। आप भाग्यशाली हैं कि आपके पास अलादीन के चिराग़ जैसे उपकरण हैं जो आपकी हर बात मान सकते हैं। लेकिन ये विवेक आपके अपने भीतर होना चाहिए कि आप को इनका लाभ उठाना है या फिर इनका नुकसान !