પૂરો પાગલ ..!
कुछ
हिस्सा मेरे होने का
बिख़र गया तेरी आँखों से
कुछ हिस्सा तेरे होने का सवँर गया मेरी आँखों में
रिश्ता जब नाज़ुक दौर से गुज़रता हों
तब साथ में गुज़ारे पल गुब्बारे बनाकर
उडा दो आसमाँ में
फ़रिश्ते चूम कर दुआएँ भेजेंगे
बचपन
की नादानी वापिस आयेंगी और बड़े होने
के चोंचले पन से छूट जायेंगे
यकीं मानों
सवँर जायेगा रिश्ता हमारा जो कगार पर खड़ा हैँ
आओ खुले मैदान में
उड़ाते हैँ
गुब्बारे
चलें?