झगड़े कई तरह के होते हैं। कभी ऐसा होता है कि इधर झगड़ा हुआ और उधर सुलह हो गई। लेकिन कभी कभी बात ऐसी बिगड़ती है, जिसके लिए कहा भी गया है- बिगड़ी बात बने नहीं, लाख करो तिन कोय, रहिमन बिगड़े दूध को , मथे न माखन होय..."
राजकपूर और साधना के बीच भी एक बार ऐसा ही झगड़ा हुआ। वे दोनों फ़िल्म "दूल्हा दुल्हन" में काम कर चुके थे, किन्तु उनके बीच अबोला हमेशा रहा। अलग अलग लोग झगड़े की वजह अलग अलग बताते हैं, पर लगता है कि ये अलग अलग कारण समय समय पर आग में घी डाल कर बात को और बिगाड़ते रहे।
सबसे बड़ा कारण ये था कि साधना की छोटी बहन बबीता राजकपूर के बेटे रणधीर कपूर के प्रेम में पड़ गई।राज साहब ये रिश्ता नहीं चाहते थे। वे चाहते थे कि रणधीर अभी काम पर ध्यान दें। उन्होंने साधना से कहा कि वे बबीता को समझा कर उनका सहयोग करें।
लेकिन साधना तो खुद आर के नय्यर के प्रेम में पड़ चुकी थीं, प्रेम की तासीर भी जानती थीं और उसका असर भी। उन्होंने साफ़ कह दिया कि...
जो बुझ जाए वो आग नहीं है
जो मिट जाए वो दाग नहीं है
सच कहती है दुनिया, इश्क़ पर ज़ोर नहीं...