??जरा सोचिए ??
------राधे राधे---------
विज्ञान हमे कहाँ ले आया?
वो कुँए का मैला कुचला पानी
पिके भी 100 वर्ष जी लेते थे
हम RO का शुद्ध पानी पीकर
40 वर्ष में बुढे हो रहे है।
वो घाणी का मैला सा तैल खाके बुढ़ापे में भी दौड़~मेहनत कर लेते थे।
हम डबल~ट्रिपल फ़िल्टर तैल
खाकर जवानी में भी हाँफ जाते है।
वो डले वाला नमक खाके
बीमार ना पड़ते थे।
हम आयोडीन युक्त खाके
हाई~लो बीपी लिये पड़े है।
वो नीम~बबूल कोयला नमक
से दाँत चमकाते थे और 80 वर्ष
तक भी चब्बा~चब्बा कर खाते थे।
और हम कॉलगेट सुरक्षा वाले रोज डेंटिस्ट के चक्कर लगाते है ।।
वो नाड़ी पकड़ कर
रोग बता देते थे और
आज जाँचे कराने पर भी
रोग नहीं जान पाते है।
वो 5-6 बच्चे जन्मने वाली माँ 80 वर्ष की अवस्था में भीघर~खेत का काम करती थी।
आज 1महीने से डॉक्टर की देख~रेख में रहते है फिर भी बच्चे पेट फाड़ कर जन्मते है।।
पहले काले गुड़ की मिठाइयां
ठोक ठोक के खा जाते थे।
आजकल तो खाने से पहले ही
सुगर की बीमारी हो जाती है।
पहले बुजर्गो के भी
घुटने नहीं दुखते थे।
जवान भी घुटनो और कन्धों
के दर्द से कहराता है
1 9 9 0 में
लड़कियां डरती थी कि
सास कैसी मिलेगी
2 0 1 8 में
सास डरती है कि
लड़की कैसी मिलेगी
और भी बहुत सी समस्याये है फिर भी लोग इसे विज्ञान का युग कहते है, समझ नहीं आता ये विज्ञान का युग है या अज्ञान का ?
इसी प्रकार से पहले लड़कियां,महिलाएं क्या थीं और किस तरह से रहती थी और आज ये सब भी क्या विज्ञान कि देन है?
(जय हिन्द वन्देमातरम)
??जय भारत??
." जय लंकेश"