जिंदगी और मोत के बीच में क्या ..??
इंसान जब इस दुनिया में जन्म लेता है,
उसके पहले उसने कहा जन्म लिया था, और कौन था वो।
इसके बारे में या तो, मृत्यु के बाद वो कहां जाता है,
उसके बारे में शायद आज तक कोई तत्वचिंतक,
नहीं तो कोई सामान्य इंसान से लेकर महान इंसान,
यानी कि इस दुनिया में कोई भी वैसा इंसान नहीं है,
जो इसके बारे में जान पाया हो।
तो ये सब जानने के बाद इंसान वैसा क्यूँ,
नहीं सोचता कि मुझे जिंदगी एक ही बार मिली है,
तो जिंदगी में कुछ अलग तो करना ही चाहिए।
जिंदगी को अपने सपनों के लिए, अपने लोगों के लिए,
और अपने सपनों को साथ में लेकर कुछ वैसा,
अलग करना चाहिए कि भले ही हम ये दुनिया से,
चले जाए लेकिन तब भी, हमारे बारे में,
पेन से लिखा हुआ हर शब्द, हमारे मुंह से बोला गया हर शब्द,
और हमने किए हुए हर काम,
हमारी एक बार मिली हुई जिंदगी पर हमारी वो,
लगन आने वाली पीढ़ियों के लिए एक Moral बन जाए।
कुछ ऐसे इंसान तो हर काल में पैदा होते हैं,
लेकिन कुछ अलग करने की सोच वाले,
और कर पाये वैसे इंसान बहुत कम होते हैं,
लेकिन कुछ वैसा सोचो कि हमारा नंबर भी इस कम में आए।
सोचने के बाद ऐसा लगा कि साला Imagination मे,
इतना Power है तो सच में ये कम में हम आए,
हम यहां ना हो तब भी हमारी आत्मा में कितनी Energy आये।
इसीलिए जिंदगी एक बार मिलती है,
जी लेनी चाहिए अपने आप के लिए।
इस दुनिया के लिए और छप जाने चाहिए,
हमारे मुंह से बोला गया हर शब्द पेन से।
-BHARVI PATEL
DATE=30/12/2017