अधुरा ख्वाब
मेरा दुनिया मे आने का ख्वाब एेक कागज के पाने मे रह गया
मेरा सपना था कीसीका आगन मे अपने किललोल से हरा भरा कर दु पर मे तो इस दुनिया में आने से पहले ही मार दिया गया मेरा अधुरा ख्वाब मेरी आह मे बदल गया......
मेरे कीतने अरमान थे परीवार मे जन्म से लेके मृत्यु तक रहना था पर लडके की चाहत में मे कुख ही मारी गइ. मेरा अधुरा ख्वाब मेरी आह मे बदल गया
मा, पत्नी सबको चाहिए था लेकिन बेटी कीसीको न चाहिए हरामी समाज कयुं न समजता की बेटियाँ ही न होगी तो बेटो के लिए घंटा कया घंटा लावोगे इस समाज ने लडके की चाहत में मेरा ही बली दिया मेरा अधुरा ख्वाब मेरी आह चीको मे बदल गया........
दादी, मा, तुम भी कीसीकी तो कसीकी बेटी ही हो तो आप समाज के वाहियात रुलसमे आके आप केसे अेक औरत होके बेटी को मार सकती हो एक बेटे की आड मे, मेरा अधुरा ख्वाब मेरी आह मे बदल गया......
मेरा भी खाब था जीने का खुली हवा में उडने का कीसीका कीसीकी खाइश कीसीकी आगन का तारा बनननेका पर अे वैसी दरिंदा समाज बेटे की आड में मेरा ही बली ले गया. मेरे अधुरा ख्वाब मेरी आह मे बदल गया.......
मेरा सपना था की भाई को साथ खेलने का, शरारते करके सबको भगानेका, पर भाइ को लाने के चक्कर में आपलोगो ने मेरेरुपी काटे को हटा दिया एक समाज के लिए, मेरा दुनिया देखना का अधुरा ख्वाब मेरी आह मे बदल गया.......
मेरा ख्वाब था कि दुनिया में आनेका कुछ करके आपके तीन कुल का नाम उजाडती आपलोगो की नामना बढ़ती खेर आपलोगो ने भाइ की चाहत में मुझे ही खा गया ए दरिंदा समाज ने मेरा अधुरा ख्वाब मेरी आह मे बदल गया...
आप सब पापमे भागीदार हे वो कसाई डोकटर मुझे पैसे लालच मे काटता रहा पर कोइ मुजे बचाने आगे न आया मेरी यही गलती की मे लडकी हु सालो ने मेरा अधुरा ख्वाब मेरी आह मे बदल गया
ए दरिंदा समाज ने बडे बडे भाषण देते है और मेरे जेसी कीतनी बेटियाँ को आने से पहले ही मार देता है मेरा उल्लास अधुरा ख्वाब मेरी मौत बदल गया..........
मे दया और रहम की भिख मागती रही मे मे रोती रही चिल्लाती रही पर कोइ आगे न आया मेरी यही गलती की मे लडकी हु मेरा अधुरा ख्वाब मेरी आह चीको मे बदल गया.........
wrtiten by shaimee Prajapati gujrat
Aek pet me pal rhi beti ki dasta ki jo Aane se phele hi andr mari jati he.....
Save a female child..... ?
(ae meri maulik rachna he mene kisika anukarn n Kia He)