English Quote in Blog by yeash shah

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मंगल दोष : क्या सही क्या गलत।

जब लड़का और लड़की की शादी की बात होती है, तो मंगल दोष के नाम पर लोग ज्योतिषी के पास जाते है, ज्योतिष शास्त्र के जानकार से अक्सर यह सुनने को मिलता है” मंगल भारी है” , “पगड़ी पर मंगल है,” , “चुनरी पर मंगल है”, “ आंशिक मंगल दोष है”। और इनके निवारण के लिए कभी कभी पेड़ या घड़े से शादी करवाई जाती है, हनुमानजी को चोला चढ़ाना और हनुमान चालीसा का पाठ करने की सलाह दी जाती है, कभी केसरिया गणपति की पूजा करवाई जाती है। ज्योतिषी अक्सर यह कहते है, कि मंगल दोष का निवारण २८ वर्ष की आयु के बाद स्वयं हो जाता है, पर कभी भी जातक या उसके माता पिता को यह नहीं बताते कि मंगल दोष कैसे बनता है, या ऐसा कुछ होता भी है या नहीं।

पहले पारंपरिक मान्यता देखते है। किसी की भी कुंडली में १,४,७,८,१२ घर में मंगल हो, तो मंगल दोष कहा जाता है, यदि इन घरों में गुरु से दृष्ट हो तो आंशिक मंगल दोष कहा जाता है। और यह भी मान्यता है, की गुरु से दृष्ट हो कर मंगल दोष नष्ट हो जाता है। कुछ लोग २ और १० वे घर में भी मंगल दोष मानते है, और यह कहा जाता है, की अगर वर को मंगल दोष हो, तो वधू की कुंडली में १,४,७,८,१२ वे घर में शनि होना चाहिए, क्योंकि शनि मंगल को शांत करता है।

अब व्यहवारिक दृष्टि से देखे, आप सोचिए, कुंडली के १२ घर होते है, उसमें से ५ घरों में मंगल दोष कहा है , यानी कि दुनिया के ४२% लोग मांगलिक है, यानी कि विश्व की अंदाजित जन संख्या ८०० करोड़ है, तो ३३६ करोड़ लोग मांगलिक है। इस तर्क से यह साबित होता है, की मंगल दोष के नाम पर जो भी डर या वहम फैलाया है, वह लोगों के अज्ञान से बढ़ा हुआ है।

ज्योतिष में मंगल को प्राकृतिक आवेग जैसे क्रोध और सेक्स का कारक कहा गया है, यह पौरुष और काम इच्छा में वृद्धि को दर्शाता है, “मंगल दोष” यानी व्यक्ति में क्रोध और काम वृत्ति की अधिकता ,ऐसा भी कहा जाता है। अब अपने आवेग को शांत करना या न करना व्यक्ति और उसकी इच्छा पर निर्भर करता है, अगर दांपत्य में तालमेल और प्रेम हो, तो कभी समस्या नहीं होगी। साथी अगर समझदार हो,तो कोई परेशानी नहीं होती। अब रही पूजा पाठ की बात, तो पूजा पाठ हमेशा श्रद्धा और विश्वास से करना चाहिए, किसी दोष या वहम की शांति के लिए भय पूर्वक पूजा करवाने से मन को थोड़े वक्त के लिए राहत मिलती है, इस लिए अंधश्रद्धा से मुक्त हो कर उचित ज्ञान प्राप्त करे।
इस बात पर दूसरे का दृष्टिकोण भिन्न हो सकता है, सभी के मत का स्वागत है।

English Blog by yeash shah : 112010530
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