दुनिया की रीत तुम भी समझो...
मुंह पर तो सब कहेंगे मीठी बातें,
पर दिल के नकाब कोई न खोल पाएंगे।
वक्त की आँधी जब गुज़रेगी एक दिन,
तब असली चेहरे सबके सामने आएंगे।
इतने भोले मत बनो ओ राजा,
कि धोखे को भी तुम नज़रअंदाज़ कर जाओ।
जो लोगन प्यार की ओट में वार करते हैं,
उन्हें तनिक परखो, वरना तुम ही रो जाओ।
जताते हैं बार-बार साथ निभाने की बातें,
पर सच्चाई में कोई किसी का नहीं होता।
हर कदम पर बिछा है छल का जाल,
सावधानी ही जीवन का दीपक होता।
तो ए राजा!
दुनिया की रीत तनिक तुम भी समझो,
प्यार और वार में फर्क पहचानो,
वरना अपने ही कदमों से ठोकर खाओ।