जानते हो जिससे प्रेम होता है न और जो मन को भा जाता है वो हर हाल में खूबसूरत लगता है...मुझे लगता है प्रेम को अपने तक ही सीमित रखना चाहिए..प्रेम कोई कारोबार नहीं जिसका ढिंढोरा बाजार में पीटा जाए..प्रेम तो शांत लहरों सा मन में उठता हुआ एक खूबसूरत सा सुकून है किसी के लिए❤️