वक्त वक्त की बात है
कभी तुम्हारे
तो कभी मेरे साथ है।
कोई वक्त का मारा है
तो किसको
वक्त ने मारा है।
कोई वक्त से हारा है।
तो किसको वक्त का सहारा है।
दिन देखना हो तो वक्त
शाम ढल गई तो वक्त
त्यौहार आने में अभी वक्त है।
मौसम बदलने में अभी वक्त है।
इस वक्त किसे कहूं।
इस वक्त तो रात है।
देखो कल तक मेरे आसरे था सारा जहां।
आज सिर्फ मेरे पास है ये धरती आसमां।
खैर इतना तो समझ आया
की वक्त न कोई खैरात है।
बस सब
वक्त वक्त की बात है।