ये कौन लोग होते है भाई
जिनको हर बात से मिर्ची लग जाती है
ये किसी की खुशी देख नहीं पाते
खुद दुनिया भर की नेगेटिविटी ले कर घूम लेते है
पर जहां कोई हंसना चाहे...इस टेंशन भरी दुनिया में खुश होना चाहे वहां ये लोग पहुंच जाते है
कि भाई तुम हो कैसे लिए खुश...हमारे होते हुए
हमारी मेहनत में क्या कमी रह गई जो तुम खुश हो रहे...
हमारी नेगेटिव एनर्जी पहुंच क्यों नहीं रही इनके पास
अब न्यू ईयर है चलो ये तो नहीं पता क्यों है न्यू ईयर.. पर है तो ठीक ही है इतना बुरा भी नहीं है
राम जाने कब अपनी पृथ्वी देवी अपने सूर्य देव की परिक्रमा पूरी करती है पर ठीक है न
है तो है..हो रहे लोग खुश तो क्यों टांग अड़ानी है भाई
और कुछ लोग जो अपने बच्चों को अंग्रेजी मीडियम में पढ़ाने के बावजूद अंग्रेजी नव वर्ष का विरोध कर रहे...कहते है कि हम हिंदू है ...हिंदू नववर्ष मनाएंगे...ठीक है भाई मना लो पर अपने बच्चों को भी गीता का ज्ञान तो करवाओ...सिर्फ इसी मुद्दे पर टांग क्यों अड़ानी है...
हां इसी बात पर नहीं इनको हार वार त्यौहार अपनी नेगेटिविटी फैलानी ही होती है...ये लोग खुद बड़ा सा उदास चेहरा लिए एक दिन पहले हर सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक्टिव रहते है...मजाल है कोई खुश हो ले...पूरे subconscious mind की वाट लगा देते है🙂