दुःख इस बात का नही है कि मैंने गलतियां की
दुःख इस बात है कि मैंने गलतियों से कुछ सीखा नहीं
हर बार मैं गलतियां करता गया
बचपन से लेकर आज तक
स्कूल से लेकर कॉलेज तक
दोस्त से लेकर प्यार तक
लवर से लेकर दोस्त तक
दोस्त से लेकर दुश्मन तक
शौक से लेकर नशे तक
भूत से लेकर वर्तमान तक
रास्ते से लेकर वीरान तक
मैंने हर बार गलती ,हर बार गलत फैसले लिए
मगर मैंने हर बार लास्ट गलती समझ आगे बढ़ गया
इस आगे बढ़ने के बीच में मैंने फिर से गलतियां की
लेकिन इस बात से खुश हूं कि मैं कभी हारा नहीं
हर बार बेहतर प्रयास करता रहा
आज भी बेहतर की तलाश में आगे बढ़ रहा हूं
मिलेगी मंजिल विश्वाश हैं
मुझे खुद पर विश्वास हैं