क्या है ये पंछी
जो खूले आसमान में उड़ता है वो या फिर जो पिंजरे में बंद है।
जो उड़ रहा है वो थक चुका है और जो पिंजरे में बंद हैं वो उड़ाना चाहता है।
उड़ते पंछी को दुनिया बहोट बड़ी लग रही है और पिंजरे वाले पंछी की तो दुनियां ही बहोत छोटी है।
उड़ता पंछी कितना सुंदर लगता है और पिंजरे में बंद पंछी भी अच्छा ही लगता है।
पर एक दिन उड़ते पंछी के पर कट जाते है और पिंजरे वाले पंछी का पिंजरा खुल जाता है।
एक मायूस हो जाता है और दुसरा उड़ना सीखता है।
एक दिन वो दोनो पंछी मिलते है
आपस में बात करते है और दोस्त बनते है
और यही दोस्ती उन्हें जीना सिखाती है।।

Hindi Poem by Anita Gor : 111461068
shekhar kharadi Idriya 4 year ago

अत्यंत सुंदर एवम उनमुक्त विचार..

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