#सीखना

पेड़ से टूटकर
एक पत्ता गिरा
उसने चुपके से
कुछ कहा
बदल रहा है जमाना
अपनी धीमी-धीमी चाल से
एक नए विश्वास से
कुछ कर जाने के अरमान से
रूढ़ीवादी जंजीरों को तोड़कर
सपनो ने जीना सीखा है
नई आशा, नई उमंग के साथ
पंखों ने उड़ना सीखा है।।

✍नेहा शर्मा

Hindi Poem by Neha Sharma : 111444042
Prem_222 4 year ago

https://www.matrubharti.com/kankerecha4229

Neha Sharma 4 year ago

हार्दिक आभार

Neha Sharma 4 year ago

शुक्रिया

Neha Sharma 4 year ago

धन्यवाद आपका

Neha Sharma 4 year ago

हार्दिक आभार आदरणीय श्री जी

Neha Sharma 4 year ago

धन्यवाद आपका

Neha Sharma 4 year ago

शुक्रिया

Neha Sharma 4 year ago

हार्दिक धन्यवाद आपका

Brijmohan Rana 4 year ago

बेहतरीन सृजन ,शानदार रचना ,वाह वाह ।

Nimisha 4 year ago

Bahut sundar. 👍👏👏

Seema singhal sada 4 year ago

बहुत अच्छा लिखा

Neha Sharma 4 year ago

शुक्रिया

Neha Sharma 4 year ago

हार्दिक धन्यवाद आदरणीय श्री जी

Neha Sharma 4 year ago

हार्दिक आभार आदरणीय श्री जी

Neha Sharma 4 year ago

धन्यवाद

करुनेश कंचन.. 4 year ago

....सपने नींद वाले नहीं.....वो फालतू हैं सब...!!...खुली आंख से सपने ही सिखा पाते हैं कुछ जीवन का रहस्य....!!....सुन्दर कलम है आपकी👌👌💐💐💐💐

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