Quotes by करुनेश कंचन.. in Bitesapp read free

करुनेश कंचन..

करुनेश कंचन..

@karuneshkanchan171822


...सम्बंधों का मर्म...
****************
सुनो,
प्रियतम,
तनिक सोचो तो,

नदी के दो किनारे,
इतने पास आ जाएं,
इतने पास,
कि नदी ही खो जाए,
बिन किनारा नदी कैसे बहेगी...??

मैं तुम्हें खोना नहीं चाहता,
सम्बंधों के लिए,
ज़रूरी है,
एक अदद,
दूरी.....!!!

#करुनेश कंचन

Read More

शाम से उड़ने लगी,ख़ुश्बू तिरी आवाज़ के,
खंडहर में जुगनुओं से,सज गयी बारात है..!!

# करुनेश कंचन

उनकी यादों ने दफ़्तन दे दी है दस्तक,
अश्क़-ए-समंदर में डूबने की बारी है

गवाह-ए-इश्क़ हैं हाज़िर इक बार फिर से,
ज़ख्म फिर हों ताजे,अदालतें हुक्म जारी है

Read More

कितनी रातों का जागा हूँ यारों

मुख़्तसर सी कहानी शाम की है..!!

#करुनेश कंचन

ये उनसे कहना जो मेरी चुप से हज़ार बातें बना रहे थे,

मैं अपने शोले पा चुका हूँ मैं अपनी शिद्दत में आ बसा हूँ...!!


#अज़्म बहज़ाद

Read More

...भगवान ने दो तरह के आदमी बनाये...सात्विक और असात्विक...समाज में दोनों का होना ज़रूरी....विलक्षण या अविलक्षण प्रवत्तियाँ का होना...आदमी के मस्तिष्क की बात है...विवेक की बात है....!!


करुनेश कंचन
#विलक्षण

Read More

.... रास्ते का पत्थर....
******************
रास्ते का
एक छोटा सा पत्थर हूँ,
कुछ अनमना सा,

तभी,
रास्ते से जो गुज़रा
जाते-जाते,
एक ठोकर लगाई
मैं एक कदम आगे सरक गया
खुश था बहुत कि आगे आ गया
जो मेरी अरसे से चाहत थी
मैं भूल गया कि आगे का मतलब
पीछे भी हो सकता है...

पुनः ठोकर लगी
और मैं पीछे हो गया
उस जगह से
जहां पर मैं था

मुझे उस ठोकर की तलाश है
जो,
मुझे वहीं छोड़ जाएं
जहाँ हम थे.....!!

करुनेश कंचन

Read More