जब में एल एल एम की परीक्षा देने सेन्ट झेवियर्स कालज में गई मेरा सीट नं ३ माले पे था । मेंने प्रीन्सीपाल को बताया , में दिव्यांग हुं,उपर नही जा शकती, वो बोले, कुछ करता हुं, एक घंटा खडी रही उनकी ऑफिस के बहार, बेठक व्यवस्था नीचे कोई क्लास मे हो । देढ घंटे बाद एक शिक्षक मेरे लिए प्रश्नपत्र - उत्तरवाही लेकर आए, चलो सामने क्लास में बेठ के आप सारी परीक्षाएं देना, क्लार्क को सूचना दी के मेरा पूरा ध्यान रखें. उन देढ घंटे में मेने चूपकीदी रखी, सिर्फ प्रीन्सीपाल की ओफिस बाहर बिना शोर किए खडी रही ॥     
दर्शिता

Hindi Gandhigiri by Darshita Babubhai Shah : 111260870
Rakesh Kumar Pandey Sagar 5 year ago

हृदयस्पर्शी पंक्तियाँ दर्शिता जी...प्रणाम

Deepak Bundela AryMoulik 5 year ago

ये बिडंबना है इंसानियत की

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now