hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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मानभंजन--भाग(१) By Saroj Verma

मानभंजन का अर्थ है,सम्मान के टुकड़े टुकडे़ हो जाना जो कि इस कहानी की नायिका के साथ हुआ,उसने जिससे सबसे अधिक प्रेम किया,जिस पर विश्वास किया उसी ने समाज में उसका मान गिरा दिया, नायिका...

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देह की दहलीज़ - भाग 3 By prashant sharma ashk

आंटी रोशनी को ही आवाज लगाती है और निरंजन उसके साथ एक कमरे में चला जाता है। कमरे में जाने के बाद निरंजन बोतल से अपना पैग बनाता है और पीने लगता है। इधर रोशनी उसे देखती है। कुछ वक्त ब...

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कामवाली बाई - भाग(१७) By Saroj Verma

जब राधेश्याम ने गीता को अपने आपको घूरते हुए देखा तो बोला.... ऐसे क्या घूर रही हो? कुछ नहीं,ऐसे ही,गीता बोली... क्या ऐसे ही?बताओ भी डर क्यों रही हो?राधेश्याम ने पूछा।। वो आप हँसे इस...

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घूँघट - (इस्मत चुगताई की कहानी) By Saroj Verma

सफ़ेद चांदनी बिछे तख़्त पर बगुले के परों से ज़्यादा सफ़ेद बालों वाली दादी बिलकुल संगमरमर का भद्दा-सा ढेर मालूम होती थीं. जैसे उनके जिस्म में ख़ून की एक बूंद ना हो. उनकी हल्की सुरमई...

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तुम रूठा न करो By Kishanlal Sharma

पत्नी और पानक्या समानता है इनमेंपहली समानता तो यह है कि दोनों शब्दो की शुरुआत प शब्द से होती है।पान मुख की शोभा बढ़ता है।पान खाने के बाद ताजगी और उमंग का एहसास होता है।पान पत्नी खाल...

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फ़्लैट नंबर 444 By Ratna Pandey

सरोज और उसके पति मयूर चौथी मंज़िल पर एक फ़्लैट में रहते थे। अभी दो माह पहले ही उनके पड़ोस के फ़्लैट नंबर 444 में किराये से रहने के लिए एक दंपति आये थे। हर दिन उस फ़्लैट से लड़ाई करने...

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आत्मनिर्भर स्त्री By दिनू

एक औरत को आखिरक्या चाहिए होता है?एक बार जरुर पढ़े ये छोटी सी कहानी: राजा हर्षवर्धन युद्ध में हार गए।हथकड़ियों में जीते हुए पड़ोसी राजा के सम्मुख पेश किए गए। पड़ोसी देश का राजा अपनी...

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सौतन बनी सहेली... By Saroj Verma

जनार्दन प्रसाद गुप्ता सौरीगृह के बाहर बड़ी बैचेनी के साथ चक्कर काट रहे थे,तभी उनकी विधवा माँ अनुसुइया आकर बोली.... अरे इस बार क्यों घबराता है,हरिद्वार से आए़ ज्योतिषी ने गारण्टी लेक...

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पवित्रता - पवित्र प्यार By दिनू

कुछ पुरूषों की मानसिकता...पुरूष का प्यार तब तक प्यार है, जब तक वो स्त्री को स्पर्श ना करलेजबतक वो स्त्री स्पर्श को छू नहीं पाता उसके लिए वो सबकुछ होती हैऔर जैसे ही स्त्री उसपर भरोस...

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हीरा दे : एक वज्रहृदया क्षत्राणी By धरमा

हीरा दे : एक वज्रहृदया क्षत्राणीसंवत 1368, वैशाख का निदाघ पत्थर पिघला रहा था। तभी द्वार पर दस्तक सुनी और हीरा-दे ने दरवाजा खोला। स्वेद में नहाया उसका पति विका दहिया एक पोटली उठाये...

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पहला प्यार--नही भुला पाती - 4 - अंतिम भाग By Kishanlal Sharma

आशा ने अपनर्मन में सोचा जरूर था लेकिन शेखर से वह यह बात कह नही स्की थी।इसके पीछे भी कारण था।उसके माता पिता नही चाहते थे वह शेखर से शादी करे.।शेखर दूसरी जाति का था।लेकिन घरवालों के...

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खूबसूरत यादें By दिनू

कुछ रिश्ते कैसे बन जाते हैं । मालूम नहीं पड़ता । कब कौन कैसे कहा हमारे करीब आ जाता है सब कुछ इतना जल्दी हो जाता है हम कुछ सोच ही नहीं पाते । वो हमारे सोच पर हावी हो जाती है दिल करत...

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सात फेरे By Vaidehi Vaishnav

(नमस्कार प्रिय पाठकों (मित्रों) मेरे द्वारा लिखी यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक हैं । किसी भी व्यक्ति का नाम या कहानी का कोई क़िस्सा सयोंग ही होगा। कहानी के शीर्षक के आधार पर जो सात वचन...

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सच में हमारा देश बदल रहा है ? By Bindu

आज आजादी की 75 साल बीत गए हैं और हम लोग आज भी यह नारा लगाते हैं कि हम आजाद हैं जो कभी कभी अरे नहीं नहीं कई बार कई औरतों को देखकर मुझे लगता है कि क्या सही में हम आजाद है आज गुजरात म...

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यूं गल रही हैं हसरतें By Sharovan

यूं गल रहीं हैं हसरतें कहानी/शरोवन यूं तो हर किसी को अपने घाव गहरे नज़र आते हैं, मगर मानसिकता के तौर पर मिले हुये ज़ख्मों से टपकता हुआ खून जब दिल की किताब पर तकदीर की एक दूसरी कहान...

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करवाचौथ By धरमा

करवा चौथ सुनो ना , सीमा ने प्यार से पति रवि के कंधे पर सिर रखते हुए कहा ... " करवा चौथ मे सिर्फ तीन दिन रह गए है । क्या उपहार चाहिए तुम्हें । " रवि ने सीमा की बात बीच मे काटते हुए...

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मेरे घर का रास्ता By Sharovan

‘एक बात बतायेंगे आप?’‘क्या?’‘आप पुनर्जन्म पर विश्वास करते हैं?’‘कभी नहीं।’ दिनकर दृढ़ता से बोला।‘मैं तो करती हूँ और मेरे पास प्रभाण भी है।’‘कैसे?’‘आपकी पहली पत्नी सीता फिर से जीवित...

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हमने दिल दे दिया - अंक २१ By VARUN S. PATEL

    तीनो दोस्त ख़ुशी के घर के पीछे की और पहुचते है जहा से पिछली बार ख़ुशी को लेने अंश और अशोक आए हुए थे | ख़ुशी अपने घर की छत से होकर जैसे पहली बार निचे आई थी वैसे ही निचे आती है |   ...

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कहानी एक स्त्री के आत्म सम्मान की By धरमा

एक शादीशुदा स्त्री, जब किसी पुरूष से मिलती है, उसे जाने अनजाने मे अपना दोस्त बनाती है. तो वो जानती है की न तो वो उसकी हो सकती है और न ही वो उसका हो सकता है. वो उसे पा भी नही सकती औ...

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करवाचौथ (चंदा तेरे कितने रूप) By दिनू

करवा चौथ... चंदा तेरे कितने रूप!!!चंद्रमा पूजनीय है क्योंकि हमारे शास्त्रों में चंदा को ब्रह्माजी का मानस पुत्र कहा गया है। चंद्रमा को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त है , इसलिए सुहाग...

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पुष्प लता की अधखिली कली By धरमा

एक सामान्य स्वप्न ले कर जीने वाली लड़की।एक मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी जिसने अभी जीना शुरू भी नहीं किया था कि जला कर मार दी गयी। क्यों ? क्योंकि किसी राक्षस का दिल आ गया था उसपर !उस...

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चरित्रहीन By Devika Singh

"क्या हुआ ?",बॉस के चैम्बर से बाहर निकली अनुभूति के चेहरे पर उड़ती हवाइयाँ देखकर साथ ही काम करने वाली काया ने पूछा। "पता नहीं यार ,लॉक डाउन के बाद बॉस बिना वजह ही नाराज़ होते रहते है...

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पत्थर दिल... By Saroj Verma

आज रामरतन उपाध्याय जी बहुत खुश थे क्योंकि आज ही उन्होंने वी.डी.ओ.के पद का कार्यभार सम्भाला था और वो अपनी आँफिस की गाड़ी में उन गाँवों का दौरा करने जा रहे थे जो उनके अण्डर में थे,पहल...

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लंबी दुरी के रिश्ते By Devika Singh

आठ साल की रिलेशनशिप के बाद हम दोनों शादी करने वाले थे। लेकिन इसी बीच मैंने अपने बॉयफ्रेंड को मेरी एक्‍स बेस्‍टी के साथ फ्लर्ट करते देख लिया। पता चला कि वह हम दोनों को ही धोखा दे रह...

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वेश्या से वाईफ तक By Devika Singh

आज हम दोनों एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। परन्तु ना मैंने आज तक उससे उसके वेश्यावृत्ति के बारे पुछा है और मैं अब पुछना भी नहीं चाहता हूं । मेरे लिए ये कभी मायने नहीं रखता कि लड़की क...

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सुहागिनें--(मोहन राकेश की कहानी) By Saroj Verma

कमरे में दाख़िल होते ही मनोरमा चौंक गई. काशी उसकी साड़ी का पल्ला सिर पर लिए ड्रेसिंग टेबल के पास खड़ी थी. उसके होंठ लिपस्टिक से रंगे थे और चेहरे पर बेहद पाउडर पुता था, जिससे उसका सा...

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एक महिला कहानी By Devika Singh

मेरा नाम गरिमा है, मैं मुम्बई में अपनी दोस्त नेहा के साथ रहती हूं। हां मैं एक लेस्बियन हूं। मुझे यह स्वीकार करने में कोई शर्म नहीं है कि मैं एक समलैंगिक हूं। यह फैसला मेरा था, मेरी...

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एक अनोखी प्रेम कहानी By दिनू

एक अनोखी प्रेम कहानी गाँव के बच्चे नारायणी को काकी कहते हैं। पहले नारायणी कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से उसका पति भूरा बढ़ई बीमार पड़ा है, तभी से वह खोई-खोई रहती है। पति की सेवा-सुश्...

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औरत का त्रिया चरित्र By धरमा

एक प्यासा आदमी एक कुएं के पास गया, जहां एक जवान औरत पानी भर रही थी. उस आदमी ने औरत से थोड़ा पानी पिलाने के लिए कहा खुशी से उस औरत ने उसे पानी पिलाया। पानी पीने के बाद उस आदमी ने और...

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निर्वाण--(अन्तिम भाग) By Saroj Verma

दिन बीत रहे थे अब भामा ने धर्मी से भी मिलना जुलना छोड़ दिया था,बस ड्यूटी के बाद खामोश सी अपने कमरें में पड़ी रहती,वो दिनबदिन ज्यादा सोचने के कारण कमजोर भी होती जा रही थी,उसे ना अब अप...

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मानभंजन--भाग(१) By Saroj Verma

मानभंजन का अर्थ है,सम्मान के टुकड़े टुकडे़ हो जाना जो कि इस कहानी की नायिका के साथ हुआ,उसने जिससे सबसे अधिक प्रेम किया,जिस पर विश्वास किया उसी ने समाज में उसका मान गिरा दिया, नायिका...

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देह की दहलीज़ - भाग 3 By prashant sharma ashk

आंटी रोशनी को ही आवाज लगाती है और निरंजन उसके साथ एक कमरे में चला जाता है। कमरे में जाने के बाद निरंजन बोतल से अपना पैग बनाता है और पीने लगता है। इधर रोशनी उसे देखती है। कुछ वक्त ब...

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कामवाली बाई - भाग(१७) By Saroj Verma

जब राधेश्याम ने गीता को अपने आपको घूरते हुए देखा तो बोला.... ऐसे क्या घूर रही हो? कुछ नहीं,ऐसे ही,गीता बोली... क्या ऐसे ही?बताओ भी डर क्यों रही हो?राधेश्याम ने पूछा।। वो आप हँसे इस...

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घूँघट - (इस्मत चुगताई की कहानी) By Saroj Verma

सफ़ेद चांदनी बिछे तख़्त पर बगुले के परों से ज़्यादा सफ़ेद बालों वाली दादी बिलकुल संगमरमर का भद्दा-सा ढेर मालूम होती थीं. जैसे उनके जिस्म में ख़ून की एक बूंद ना हो. उनकी हल्की सुरमई...

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पत्नी और पानक्या समानता है इनमेंपहली समानता तो यह है कि दोनों शब्दो की शुरुआत प शब्द से होती है।पान मुख की शोभा बढ़ता है।पान खाने के बाद ताजगी और उमंग का एहसास होता है।पान पत्नी खाल...

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फ़्लैट नंबर 444 By Ratna Pandey

सरोज और उसके पति मयूर चौथी मंज़िल पर एक फ़्लैट में रहते थे। अभी दो माह पहले ही उनके पड़ोस के फ़्लैट नंबर 444 में किराये से रहने के लिए एक दंपति आये थे। हर दिन उस फ़्लैट से लड़ाई करने...

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आत्मनिर्भर स्त्री By दिनू

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सौतन बनी सहेली... By Saroj Verma

जनार्दन प्रसाद गुप्ता सौरीगृह के बाहर बड़ी बैचेनी के साथ चक्कर काट रहे थे,तभी उनकी विधवा माँ अनुसुइया आकर बोली.... अरे इस बार क्यों घबराता है,हरिद्वार से आए़ ज्योतिषी ने गारण्टी लेक...

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पवित्रता - पवित्र प्यार By दिनू

कुछ पुरूषों की मानसिकता...पुरूष का प्यार तब तक प्यार है, जब तक वो स्त्री को स्पर्श ना करलेजबतक वो स्त्री स्पर्श को छू नहीं पाता उसके लिए वो सबकुछ होती हैऔर जैसे ही स्त्री उसपर भरोस...

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हीरा दे : एक वज्रहृदया क्षत्राणी By धरमा

हीरा दे : एक वज्रहृदया क्षत्राणीसंवत 1368, वैशाख का निदाघ पत्थर पिघला रहा था। तभी द्वार पर दस्तक सुनी और हीरा-दे ने दरवाजा खोला। स्वेद में नहाया उसका पति विका दहिया एक पोटली उठाये...

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पहला प्यार--नही भुला पाती - 4 - अंतिम भाग By Kishanlal Sharma

आशा ने अपनर्मन में सोचा जरूर था लेकिन शेखर से वह यह बात कह नही स्की थी।इसके पीछे भी कारण था।उसके माता पिता नही चाहते थे वह शेखर से शादी करे.।शेखर दूसरी जाति का था।लेकिन घरवालों के...

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खूबसूरत यादें By दिनू

कुछ रिश्ते कैसे बन जाते हैं । मालूम नहीं पड़ता । कब कौन कैसे कहा हमारे करीब आ जाता है सब कुछ इतना जल्दी हो जाता है हम कुछ सोच ही नहीं पाते । वो हमारे सोच पर हावी हो जाती है दिल करत...

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सात फेरे By Vaidehi Vaishnav

(नमस्कार प्रिय पाठकों (मित्रों) मेरे द्वारा लिखी यह कहानी पूरी तरह काल्पनिक हैं । किसी भी व्यक्ति का नाम या कहानी का कोई क़िस्सा सयोंग ही होगा। कहानी के शीर्षक के आधार पर जो सात वचन...

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यूं गल रही हैं हसरतें By Sharovan

यूं गल रहीं हैं हसरतें कहानी/शरोवन यूं तो हर किसी को अपने घाव गहरे नज़र आते हैं, मगर मानसिकता के तौर पर मिले हुये ज़ख्मों से टपकता हुआ खून जब दिल की किताब पर तकदीर की एक दूसरी कहान...

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करवाचौथ By धरमा

करवा चौथ सुनो ना , सीमा ने प्यार से पति रवि के कंधे पर सिर रखते हुए कहा ... " करवा चौथ मे सिर्फ तीन दिन रह गए है । क्या उपहार चाहिए तुम्हें । " रवि ने सीमा की बात बीच मे काटते हुए...

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मेरे घर का रास्ता By Sharovan

‘एक बात बतायेंगे आप?’‘क्या?’‘आप पुनर्जन्म पर विश्वास करते हैं?’‘कभी नहीं।’ दिनकर दृढ़ता से बोला।‘मैं तो करती हूँ और मेरे पास प्रभाण भी है।’‘कैसे?’‘आपकी पहली पत्नी सीता फिर से जीवित...

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कहानी एक स्त्री के आत्म सम्मान की By धरमा

एक शादीशुदा स्त्री, जब किसी पुरूष से मिलती है, उसे जाने अनजाने मे अपना दोस्त बनाती है. तो वो जानती है की न तो वो उसकी हो सकती है और न ही वो उसका हो सकता है. वो उसे पा भी नही सकती औ...

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करवाचौथ (चंदा तेरे कितने रूप) By दिनू

करवा चौथ... चंदा तेरे कितने रूप!!!चंद्रमा पूजनीय है क्योंकि हमारे शास्त्रों में चंदा को ब्रह्माजी का मानस पुत्र कहा गया है। चंद्रमा को लंबी आयु का आशीर्वाद प्राप्त है , इसलिए सुहाग...

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पुष्प लता की अधखिली कली By धरमा

एक सामान्य स्वप्न ले कर जीने वाली लड़की।एक मध्यमवर्गीय परिवार की बेटी जिसने अभी जीना शुरू भी नहीं किया था कि जला कर मार दी गयी। क्यों ? क्योंकि किसी राक्षस का दिल आ गया था उसपर !उस...

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चरित्रहीन By Devika Singh

"क्या हुआ ?",बॉस के चैम्बर से बाहर निकली अनुभूति के चेहरे पर उड़ती हवाइयाँ देखकर साथ ही काम करने वाली काया ने पूछा। "पता नहीं यार ,लॉक डाउन के बाद बॉस बिना वजह ही नाराज़ होते रहते है...

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पत्थर दिल... By Saroj Verma

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आज हम दोनों एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। परन्तु ना मैंने आज तक उससे उसके वेश्यावृत्ति के बारे पुछा है और मैं अब पुछना भी नहीं चाहता हूं । मेरे लिए ये कभी मायने नहीं रखता कि लड़की क...

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कमरे में दाख़िल होते ही मनोरमा चौंक गई. काशी उसकी साड़ी का पल्ला सिर पर लिए ड्रेसिंग टेबल के पास खड़ी थी. उसके होंठ लिपस्टिक से रंगे थे और चेहरे पर बेहद पाउडर पुता था, जिससे उसका सा...

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एक महिला कहानी By Devika Singh

मेरा नाम गरिमा है, मैं मुम्बई में अपनी दोस्त नेहा के साथ रहती हूं। हां मैं एक लेस्बियन हूं। मुझे यह स्वीकार करने में कोई शर्म नहीं है कि मैं एक समलैंगिक हूं। यह फैसला मेरा था, मेरी...

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एक अनोखी प्रेम कहानी By दिनू

एक अनोखी प्रेम कहानी गाँव के बच्चे नारायणी को काकी कहते हैं। पहले नारायणी कभी निराश नहीं दिखती थी। जब से उसका पति भूरा बढ़ई बीमार पड़ा है, तभी से वह खोई-खोई रहती है। पति की सेवा-सुश्...

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एक प्यासा आदमी एक कुएं के पास गया, जहां एक जवान औरत पानी भर रही थी. उस आदमी ने औरत से थोड़ा पानी पिलाने के लिए कहा खुशी से उस औरत ने उसे पानी पिलाया। पानी पीने के बाद उस आदमी ने और...

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दिन बीत रहे थे अब भामा ने धर्मी से भी मिलना जुलना छोड़ दिया था,बस ड्यूटी के बाद खामोश सी अपने कमरें में पड़ी रहती,वो दिनबदिन ज्यादा सोचने के कारण कमजोर भी होती जा रही थी,उसे ना अब अप...

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