hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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दतिया की बुंदेला क्षत्राणी रानी सीता जू - 1 By Ravi Thakur

*रानी सीता जू* *'' बुंदेली इतिहास का एक उपेक्षित पात्र ''* (1679 - 1771) - रवि ठाकुर–-------------------------------------------------------–----------/------------...

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दहक By Yogesh Kanava

दहक फेमिली कोर्ट का कमरा खचाखच भरा था । आज कुल दस केस की सुनवाई थी । इधर नीलोत्पल आखिरी कौशिश करना चाह रहा था अपनी गृृहस्थी को बचाने के लिए लेकिन नीलिमा टस से मस नहीं हो रही थी वो...

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रक्षाबन्धन By DINESH KUMAR KEER

रक्षाबंधन का त्योहार पर एक कृतिप्यारा सा रक्षाबंधन का त्योहार आया, भाई-बहन के रिश्तों का त्योहार आया, श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि पर आया,उमंग, हर्ष व उल्लास जो साथ में लाया,प्यारा...

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फाइल By Yogesh Kanava

फाइल कोई चार बजे होंगे, सरकारी दफ्तरों में प्राय चार बजे ही शाम होने लगती है या यूं कहें कि लोग मान लेते हैं कि शाम हो गई है बस तभी सी अपनी टेबल साफ करने लग जाते हैं । पेंडिग फाइलो...

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थप्पड़!! By Madhu

एक जगह (नाम तिलसवा उत्तर प्रदेश का छोटा सा गाँव) कुछ औरते आपस में बाते कर रही थी या शायद किसी कि बुराई वो भी किसी के घर कि बहुरिया के बारे मा,,,, एक औरत अरे सुनो कमलिया के री अम्मा...

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मौहब्बत की किताब... By Saroj Verma

वो कटघरें में दाखिल हुई तो उससे वकील साहिबा ने पूछा... "क्या नाम है तुम्हारा?और तुम इन हालातों तक कैसें पहुँची?" "जी!मैं आज सब कुछ सच सच कहूँगी,कुछ भी झूठ नहीं कहूँगी",वो युवती बोल...

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एक लड़की अनजानी सी By DINESH KUMAR KEER

एक लड़की अनजानी सीपरसो रात्रि करीबन साढ़े ग्यारह बजे मे आॅफिस से घर को बाइक से निकला ही था की कुछ ही दूरी पर एक लडकी नजर आई सलवार सूट पहने मदद का हाथ लिए इशारे से... मैने बाइक रोकी...

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शब्दों की चोरनी By Sharovan

शब्दों की चोरनी कहानी / शरोवन *** '?'- इस पर अंजना कुछ भी नहीं बोली. वह अपनी मुस्कान बिखेरते हुए किचिन में चली गई. जाते-जाते उसने बाहर आंगन में देखा तो पतझड़ की पीली पत्तियो...

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जीत का दिन By Yogesh Kanava

रोहित अच्छा खासा हैण्डसम, लम्बा गोरा चिट्टा एकदम अंग्रेज सा लगता था। अच्छा खासा जॉब, एक मल्टी नेशनल कम्पनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर्स का मैनेजर और रोहिणी वो भी तो कम सुन्दर नहीं है ना...

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गुलाबो - भाग 11 By Neerja Pandey

पिछले भाग में आपने पढ़ा विजय अम्मा के बुलाने से घर आता है। गुलाबो के लिए वो सब से छुपा कर साज श्रृंगार का सामान लाता है। वो गुलाबो को उसे दे नही पाता अम्मा बीच में आ जाती हैं। अब आ...

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नीचिया की लुगाई और कजली By Yogesh Kanava

सरकारी काम से भावेश को राजकोट के दूरदराज के गांवों में कार्य प्रगति को देखने के लिए जाना पड़ा । सरकारी गाड़ी थी, ड्राइवर था लेकिन न जाने क्यों भावेश एक दम अकेला सा महसूस कर रहा था...

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पिंजरा... By Saroj Verma

बहुत सिफारिश के बाद एक कस्बें में मुझे नौकरी मिल गई तो वहाँ जाकर रहने का मसला पैदा हो गया,इसलिए कुछ दिनों के लिए मैनें एक मंदिर की धर्मशाला में शरण ली,दिनभर दफ्तर में काम-काज करता...

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फातिमा बीबी By Jagruti Vakil

फातिमा बीबी [जन्म 30 अप्रैल 1927]सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हैं। वे वर्ष 1989 में इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्हें 3 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मान...

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मधुरिका By Yogesh Kanava

मधुरिका जी आज ज़ोर-ज़ोर से बोले जा रही थी और निलय उन्हें चुप करवाने की कोशिश कर हरे थे वो लगातर कहे जा रही थी मेरी किसी को परवाह नही है, कोई भी मेरे साथ नही है और तुम --- तुम तो पूरी...

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औरत एक शक्ति - भाग 3 By Shubhi Gupta

पंखुरी दर्द मे तड़प रही थी। डॉक्टर उसे अंदर लेकर जाता है। गजरी बाहर बैठी भगवान से प्राथना कर रही थी। की सब ठीक हो जाए बस.। करीब एक घंटे बाद डॉक्टर बाहर अति हैगजरी उनको देखकर खड़ी हो...

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मंजरी By Yogesh Kanava

उद्घोषिका ने अंग्रेजी में ही घोषणा करनी शुरू की थी। आरम्भिक रस्म अदायगी हुई फिर यूनिसेफ इण्डिया हैड, और यूनिसेफ हैडक्वाटर न्यूयार्क से आए विशेष प्रतिनिधि दोनों स्टेज पर बनी कुर्सिय...

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मुझे संघर्ष करना है By Yogesh Kanava

अकेलापन व्यक्ति को बहुत कुछ सिखाता है । अपने अकेलेपन से मैंने भी बहुत कुछ सीखा है । अकेली औरत के लिए समाज में जीवन निर्वाह करना काफी मुश्किल हो जाता है । ज़माने की सारी निगाहें औरत...

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केलकरजी की बहु By Yogesh Kanava

बाहर गली में हुड़दंग की आवाज़ सुनकर ही वो डरी, सहमी सी अपने कमरे में जा दुबकी थी। घुलण्डी के दिन मस्तानों की टोली ने अपनी ही धुन में मस्ती के गीत गाती, ढोल बजाती ’’होली है’’ की आवाज...

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आखिरी ख़त... By Saroj Verma

विलासी कई दिनों से बीमार होकर बिस्तर पर लेटी है,शायद अपने जीवन की आखिरी घड़ियाँ गिन रही है,उसकी सेवा में उसके बेटे और बहु ने कोई कसर नहीं छोड़ी है,सच्चे मन से दोनों ही विलासी की सेवा...

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इशिका By Munish Sharma

इशिका! ....अंकल मेरा नाम इशिका है।(मैं 8-10 दिन पहले भी उस घर मे गया था। कोई छोटा बच्चा सामने वाले कमरे में था और मुझे गेट के पीछे से छुप-छुप कर देख रहा था। मैं जल्दी में था। ज्याद...

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नादान दिल - अँतिम भाग By Navjot Kaur

गातांक से आगे... आदित्य जब नौकर के मूंह से सारी बात सुनता है कि दादी की तबीयत बहुत खराब हो गई थी और सरगम ने उनकी सेवा मे दिन रात एक कर दिया ! ये जानकर तो आदित्य के दिल मे सरगम के ल...

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खामियों में सुन्दरता By Saroj Verma

रात बारह बजे का वक्त था ,दो दोस्त रेलवें स्टेशन के बाहर एक टपरी पर बैठे चाय पी रहे थे,एक का नाम श्रीहरि और दूसरे का रामानुज था,उधर से आने जाने वाली रेलों की आवाज़ सुनाई दे रही थी,चा...

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अनुष्का और संगीत की कहानी By Deepak Singh

                                                                                     अनुष्का और संगीत की कहानी अनुष्का नाम की एक महिला को संगीत से गहरा लगाव था। कोई संगीत वाद्ययंत्...

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बेपनाह नफ़रत... By Saroj Verma

रति....रति....कहाँ हो? महेश ने अपनी पत्नी को आवाज लगाते हुए कहा..... यहाँ हूँ गौशाला में,गाय को दाना पानी दे रही हूँ,रति गौशाला से बोली.... पहले मेरी बात सुन लो ,फिर अपना काम करती...

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कामवाली बाई - (अन्तिम भाग) By Saroj Verma

हम आराम कर ही रहे थें कि वें बुजुर्ग फिर से हमारे पास आएं तो अम्मी ने पर्दा कर लिया,तब बुजुर्गों को देखकर पर्दे का चलन था,फिर चाहें वो बुजुर्ग किसी भी गाँव का ही क्यों ना हो और वें...

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फौजी की फौजन By Saroj Verma

ये कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है,ये घटना उस समय की है जब बुन्देलखण्ड के कई इलाकों में डकैतों का बोलबाला था,लोंग रातों को घर से बाहर निकलने में भी डरते थे,क्योंकि रातोंरात डाकू स...

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बड़ी बिंदी By Saroj Prajapati

"ओहो देख तो नीतू मेरा आई लाइनर फैल गया जरा तू लगा देना।।""तेरी बस जुबान चलती है एक काम तो से ढंग से नहीं होता ना पहले तुझे ही तैयार करूं। "नीतू की बड़ी बहन नीतू अपनी मेकअप किट से आ...

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फुल टाइम मेड By Saroj Prajapati

दोपहर को जैसे ही रुचि घर में घुसी घर का नजारा देख उसका खून खौल गया।सिंक बर्तनों से भरी थी। गीले तौलिए बेड पर पड़े उसे मुंह चिढ़ा रहे थे और चिप्स के पैकेट सैंटर टेबल पर पड़ेहंस रह थ...

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रोज़--(अज्ञेय की कहानी) By Saroj Verma

दोपहरिए में उस घर के सूने आँगन में पैर रखते ही मुझे ऐसा जान पड़ा, मानो उस पर किसी शाप की छाया मँडरा रही हो, उसके वातावरण में कुछ ऐसा अकथ्य, अस्पृश्य, किंतु फिर भी बोझिल और प्रकंपमय...

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हमने दिल दे दिया - अंक ४० By VARUN S. PATEL

अंक ४०. सुहानी सुबह ?    दुसरे दिन सुबह | सुबह के लगभग लगभग ७ बज रहे थे | अंश हमेशा की तरह अपने घर की छत पर सोता है लेकिन आज वो घर ही नहीं आया हुआ था क्योकी वो हवेली पे दिव्या के स...

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पिंजरा--(उपेन्द्रनाथ अश़्क की कहानी) By Saroj Verma

शांति ने ऊबकर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर...

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जिंदा है पांचाली By Teena Sharma

कुछ द़िन पहले मेरी मुलाकात एक ‘लाडो मित्र’ से हुई। जो गांव-ढाणियों में जाकर 'बेटी शिक्षा' कार्यक्रम का प्रचार करती हैं। मैंने बस ऐसे ही उससे पूछ लिया कि क्या तुम्हें जागरुक...

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दतिया की बुंदेला क्षत्राणी रानी सीता जू - 1 By Ravi Thakur

*रानी सीता जू* *'' बुंदेली इतिहास का एक उपेक्षित पात्र ''* (1679 - 1771) - रवि ठाकुर–-------------------------------------------------------–----------/------------...

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दहक By Yogesh Kanava

दहक फेमिली कोर्ट का कमरा खचाखच भरा था । आज कुल दस केस की सुनवाई थी । इधर नीलोत्पल आखिरी कौशिश करना चाह रहा था अपनी गृृहस्थी को बचाने के लिए लेकिन नीलिमा टस से मस नहीं हो रही थी वो...

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रक्षाबन्धन By DINESH KUMAR KEER

रक्षाबंधन का त्योहार पर एक कृतिप्यारा सा रक्षाबंधन का त्योहार आया, भाई-बहन के रिश्तों का त्योहार आया, श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि पर आया,उमंग, हर्ष व उल्लास जो साथ में लाया,प्यारा...

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फाइल By Yogesh Kanava

फाइल कोई चार बजे होंगे, सरकारी दफ्तरों में प्राय चार बजे ही शाम होने लगती है या यूं कहें कि लोग मान लेते हैं कि शाम हो गई है बस तभी सी अपनी टेबल साफ करने लग जाते हैं । पेंडिग फाइलो...

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थप्पड़!! By Madhu

एक जगह (नाम तिलसवा उत्तर प्रदेश का छोटा सा गाँव) कुछ औरते आपस में बाते कर रही थी या शायद किसी कि बुराई वो भी किसी के घर कि बहुरिया के बारे मा,,,, एक औरत अरे सुनो कमलिया के री अम्मा...

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मौहब्बत की किताब... By Saroj Verma

वो कटघरें में दाखिल हुई तो उससे वकील साहिबा ने पूछा... "क्या नाम है तुम्हारा?और तुम इन हालातों तक कैसें पहुँची?" "जी!मैं आज सब कुछ सच सच कहूँगी,कुछ भी झूठ नहीं कहूँगी",वो युवती बोल...

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एक लड़की अनजानी सी By DINESH KUMAR KEER

एक लड़की अनजानी सीपरसो रात्रि करीबन साढ़े ग्यारह बजे मे आॅफिस से घर को बाइक से निकला ही था की कुछ ही दूरी पर एक लडकी नजर आई सलवार सूट पहने मदद का हाथ लिए इशारे से... मैने बाइक रोकी...

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शब्दों की चोरनी कहानी / शरोवन *** '?'- इस पर अंजना कुछ भी नहीं बोली. वह अपनी मुस्कान बिखेरते हुए किचिन में चली गई. जाते-जाते उसने बाहर आंगन में देखा तो पतझड़ की पीली पत्तियो...

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जीत का दिन By Yogesh Kanava

रोहित अच्छा खासा हैण्डसम, लम्बा गोरा चिट्टा एकदम अंग्रेज सा लगता था। अच्छा खासा जॉब, एक मल्टी नेशनल कम्पनी में सॉफ्टवेयर डेवलपर्स का मैनेजर और रोहिणी वो भी तो कम सुन्दर नहीं है ना...

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गुलाबो - भाग 11 By Neerja Pandey

पिछले भाग में आपने पढ़ा विजय अम्मा के बुलाने से घर आता है। गुलाबो के लिए वो सब से छुपा कर साज श्रृंगार का सामान लाता है। वो गुलाबो को उसे दे नही पाता अम्मा बीच में आ जाती हैं। अब आ...

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नीचिया की लुगाई और कजली By Yogesh Kanava

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पिंजरा... By Saroj Verma

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फातिमा बीबी By Jagruti Vakil

फातिमा बीबी [जन्म 30 अप्रैल 1927]सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश हैं। वे वर्ष 1989 में इस पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतीय महिला हैं। उन्हें 3 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मान...

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मधुरिका By Yogesh Kanava

मधुरिका जी आज ज़ोर-ज़ोर से बोले जा रही थी और निलय उन्हें चुप करवाने की कोशिश कर हरे थे वो लगातर कहे जा रही थी मेरी किसी को परवाह नही है, कोई भी मेरे साथ नही है और तुम --- तुम तो पूरी...

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पंखुरी दर्द मे तड़प रही थी। डॉक्टर उसे अंदर लेकर जाता है। गजरी बाहर बैठी भगवान से प्राथना कर रही थी। की सब ठीक हो जाए बस.। करीब एक घंटे बाद डॉक्टर बाहर अति हैगजरी उनको देखकर खड़ी हो...

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उद्घोषिका ने अंग्रेजी में ही घोषणा करनी शुरू की थी। आरम्भिक रस्म अदायगी हुई फिर यूनिसेफ इण्डिया हैड, और यूनिसेफ हैडक्वाटर न्यूयार्क से आए विशेष प्रतिनिधि दोनों स्टेज पर बनी कुर्सिय...

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अकेलापन व्यक्ति को बहुत कुछ सिखाता है । अपने अकेलेपन से मैंने भी बहुत कुछ सीखा है । अकेली औरत के लिए समाज में जीवन निर्वाह करना काफी मुश्किल हो जाता है । ज़माने की सारी निगाहें औरत...

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विलासी कई दिनों से बीमार होकर बिस्तर पर लेटी है,शायद अपने जीवन की आखिरी घड़ियाँ गिन रही है,उसकी सेवा में उसके बेटे और बहु ने कोई कसर नहीं छोड़ी है,सच्चे मन से दोनों ही विलासी की सेवा...

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इशिका By Munish Sharma

इशिका! ....अंकल मेरा नाम इशिका है।(मैं 8-10 दिन पहले भी उस घर मे गया था। कोई छोटा बच्चा सामने वाले कमरे में था और मुझे गेट के पीछे से छुप-छुप कर देख रहा था। मैं जल्दी में था। ज्याद...

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गातांक से आगे... आदित्य जब नौकर के मूंह से सारी बात सुनता है कि दादी की तबीयत बहुत खराब हो गई थी और सरगम ने उनकी सेवा मे दिन रात एक कर दिया ! ये जानकर तो आदित्य के दिल मे सरगम के ल...

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दोपहर को जैसे ही रुचि घर में घुसी घर का नजारा देख उसका खून खौल गया।सिंक बर्तनों से भरी थी। गीले तौलिए बेड पर पड़े उसे मुंह चिढ़ा रहे थे और चिप्स के पैकेट सैंटर टेबल पर पड़ेहंस रह थ...

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दोपहरिए में उस घर के सूने आँगन में पैर रखते ही मुझे ऐसा जान पड़ा, मानो उस पर किसी शाप की छाया मँडरा रही हो, उसके वातावरण में कुछ ऐसा अकथ्य, अस्पृश्य, किंतु फिर भी बोझिल और प्रकंपमय...

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हमने दिल दे दिया - अंक ४० By VARUN S. PATEL

अंक ४०. सुहानी सुबह ?    दुसरे दिन सुबह | सुबह के लगभग लगभग ७ बज रहे थे | अंश हमेशा की तरह अपने घर की छत पर सोता है लेकिन आज वो घर ही नहीं आया हुआ था क्योकी वो हवेली पे दिव्या के स...

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शांति ने ऊबकर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर...

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जिंदा है पांचाली By Teena Sharma

कुछ द़िन पहले मेरी मुलाकात एक ‘लाडो मित्र’ से हुई। जो गांव-ढाणियों में जाकर 'बेटी शिक्षा' कार्यक्रम का प्रचार करती हैं। मैंने बस ऐसे ही उससे पूछ लिया कि क्या तुम्हें जागरुक...

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