hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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हमने दिल दे दिया - अंक ४० By VARUN S. PATEL

अंक ४०. सुहानी सुबह ?    दुसरे दिन सुबह | सुबह के लगभग लगभग ७ बज रहे थे | अंश हमेशा की तरह अपने घर की छत पर सोता है लेकिन आज वो घर ही नहीं आया हुआ था क्योकी वो हवेली पे दिव्या के स...

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पिंजरा--(उपेन्द्रनाथ अश़्क की कहानी) By Saroj Verma

शांति ने ऊबकर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर...

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कामवाली बाई - भाग(२७) By Saroj Verma

उसके बाद मालकिन हमेशा ब्यस्त रहने का बहाना ढूढ़तीं रहतीं,वें छोटे बाबू के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करतीं और अब छोटे बाबू भी उनके व्यवहार से खुश रहने लगे थे,जिन्दगी य...

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जिंदा है पांचाली By Teena Sharma

कुछ द़िन पहले मेरी मुलाकात एक ‘लाडो मित्र’ से हुई। जो गांव-ढाणियों में जाकर 'बेटी शिक्षा' कार्यक्रम का प्रचार करती हैं। मैंने बस ऐसे ही उससे पूछ लिया कि क्या तुम्हें जागरुक...

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गुलाबो - भाग 8 By Neerja Pandey

भाग 8रज्जो पति,देवर और ससुर के साथ शहर पहुंची। गंभीर रज्जो को बाहर के माहौल से कोई लेना देना नही था। वो वहां पहुंच कर जल्दी ही अपनी छोटी सी गृहस्ती में रम गई। खाना पीना और घर का सा...

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आख़िर वह कौन था - सीजन 3 - भाग - 7 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

उधर आदर्श की बात मानकर श्यामा आपसी समझ के साथ ही अलग-अलग रहने के लिए मान गई।  अगले दिन श्यामा ने करुणा के पास जाकर कहा, “माँ मुझे माफ़ कर देना। मैं अब और आगे आदर्श का साथ ना दे पाऊ...

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वह बदनाम औरत - भाग 5 - अंतिम भाग By S Sinha

 Last Part 5    - अभी तक आपने पढ़ा कि शीला की मदद से चंदा और मोहन को एक बेटी हुई   . अब आगे  …                                                                         वह बदनाम औरत 5...

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मां की भावनाओं का इन्वेस्टमेंट... By Teena Sharma

हर सुबह की तरह आज की सुबह न थी....आज ना तो सूरज की किरणें घर के भीतर झांक रही थी और ना ही धूपबत्ती की खुशबू से घर महक रहा था। चारों तरफ एक अजीब सी ख़ामोशी पसरी हुई थी, जो रह रह कर...

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ममता की छाँव - भाग 9 - अंतिम भाग By Ratna Pandey

विदाई के बाद अंशिता हिमांशु के साथ उसके घर के लिए रवाना हो गई। कार में बैठकर हिमांशु ने कहा, “अंशिता आज से तीन माह पहले क्या कभी हमने सोचा था कि हमारा जीवन इतना बदलने वाला है। तुम...

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स्नेह की थपकी... By Saroj Verma

जब मैं पैदा हुआ था तो मुझे अपनी बाँहों में उठाने वाले पहले हाथ मेरे दादी के थे,मेरे पैदा होने पर शायद वें ही सबसे ज्यादा खुश थीं,दाई माँ को उन्होंने अपने गलें में पड़ी सोने की चेन उ...

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आखिरी लोरी... By Saroj Verma

साँझ का समय था,गंगाजली मिट्टी से लीपे आँगन को बुहार रही थी,खुला आँगन और घर के पिछवाड़े पीपल और बबूल के पेड़ हैं तो दिनभर में ना जाने कितने सूखे पत्ते आँगन में इकट्ठा हो जाते हैं वो उ...

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हमने दिल दे दिया - अंक ४० By VARUN S. PATEL

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शांति ने ऊबकर काग़ज़ के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उठकर अनमनी-सी कमरे में घूमने लगी। उसका मन स्वस्थ नहीं था, लिखते-लिखते उसका ध्यान बँट जाता था। केवल चार पंक्तियाँ वह लिखना चाहती थी; पर...

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कामवाली बाई - भाग(२७) By Saroj Verma

उसके बाद मालकिन हमेशा ब्यस्त रहने का बहाना ढूढ़तीं रहतीं,वें छोटे बाबू के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश करतीं और अब छोटे बाबू भी उनके व्यवहार से खुश रहने लगे थे,जिन्दगी य...

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जब मैं पैदा हुआ था तो मुझे अपनी बाँहों में उठाने वाले पहले हाथ मेरे दादी के थे,मेरे पैदा होने पर शायद वें ही सबसे ज्यादा खुश थीं,दाई माँ को उन्होंने अपने गलें में पड़ी सोने की चेन उ...

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आखिरी लोरी... By Saroj Verma

साँझ का समय था,गंगाजली मिट्टी से लीपे आँगन को बुहार रही थी,खुला आँगन और घर के पिछवाड़े पीपल और बबूल के पेड़ हैं तो दिनभर में ना जाने कितने सूखे पत्ते आँगन में इकट्ठा हो जाते हैं वो उ...

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