hindi Best Human Science Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Human Science in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Languages
Categories
Featured Books

एक रूह की आत्मकथा - 5 By Ranjana Jaiswal

'एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानेंगी कामिनी भाभी'-समर ने सकुचाते हुए मुझसे कहा। -कहो न,क्या कहना है?मैंने अपनी खुशी के अतिरेक पर विराम लगाते हुए पूछा। 'ये बच्चा....ये .......

Read Free

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 9 By सीमा बी.

विश्वास (भाग -9)"सरला जी, एक प्लेट में खाना लगा कर भुवन बेटे को भी वहीं दे देते हैं ,वो भी खा लेगा"। उमा जी ने कहा तो सरला ने भी कहा "हाँ ये ठीक रहेगा, मैं दे आती हुँ"। सरला भुवन क...

Read Free

बुंदेलखंड के लोक जीवन में समय बोध By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

कृष्ण विहारी लाल पाण्डेय की बुन्देली भाषा विज्ञान सम्बन्धी लेखमाला-बुंदेलखंड के लोक जीवन में समय-बोधके बी एल पाण्डेयमनुष्य ने काल के निरवधि विस्तार को अपने बोध की दृष्टि से खंडों म...

Read Free

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 48 - केतकी की हमशक्ल By Captain Dharnidhar

अभय अपनी यूनिट से छुट्टी पर आ रहा है । ट्रेन में एक युवती को देखकर अभय ने केतकी का नाम लेकर उसे पुकारा .. वह युवती अभय को देखने लगी और उसने अपने पीछे मुड़कर देखा ..उसे लग रहा था यह...

Read Free

दतिया की बौद्धिक सम्पदा By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

लेखदतिया की बौद्धिक संपदा के कुछ प्रतिमानडॉ.के बी एल पाण्डेयदतिया में साहित्य और कला की समृद्ध परंपरा के साथ ही कुछ ही दशकों पहले यहां गंभीर और प्रचंड बौद्धिकता का भी असाधारण बना र...

Read Free

लोक संस्कृति स्थिर व गतिशील होती है  By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

o लोक संस्कृति स्थिर व गतिशील होती है केबीएल पाण्डेय का इंटरव्यूप्रश्न 1 आपके मतानुसार लोक संस्कृति से क्या आशय है?केबीएल पाण्डेय-काफी समय तक संस्कृति के ऐसे विभाजन हम नहीं देखते ह...

Read Free

गांव और लोक संस्कृति By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

गांव और लोक संस्कृतिके बी एल पाण्डेय'लोक' और 'संस्कृति' शब्द कोषतः चाहे.. कितना व्यापक अर्थ रखते हों, किंतु आज परस्पर सन्निधि में सामान्यतः आशय विशेष में रूढ़ है । ल...

Read Free

प्रकृति और हम By ROHIT CHATURVEDI

क्या है प्रकृति ? और क्या हैं हम ?प्रकृति अर्थात निर्माता की हर वह संरचना, जिसे हमने नहीं बनाया और हमारे आसपास मौजूद है, वही है प्रकृति । परंतु कौन है वह निर्माता? जिसने हर चीज को...

Read Free

जीवन की सीख By Sonu Rj

१ सच है, शत्रु से संभलकर और हो सके तो चार हाथ दूर ही रहने में भलाई होती है। २ सीख - बुद्धिमानों की सलाह गंभीरता से लेनी चाहिए। ३. सीख- आपस की फूट सदा ले डूबती है। ४. सीख -- 1. एकता...

Read Free

सपना - अच्छे दिनों का By धरमा

दोस्तो कल रात को एक सपना आया, देखा कि मेरे मोबाइल में संदेश आया है....... कि भारत सरकार ने पचास लाख रुपये मेरे "जन धन योजना वाले बैंक खाते मैं डिपाजिट कर दिए है. मैं बड़ी ख़ुशी से...

Read Free

धरती पर क्यों खाली हाथ आए हैं और खाली हाथ लौटकर जाते है। By Akash Gupta

खाली हाथ आए थे, खाली हाथ जाना है.....लेकिन प्रश्न यह कि क्यों ?क्यों खाली हाथ आए थे और क्यों खाली हाथ जाना है ?और जब खाली हाथ ही जाना है, तो फिर कमाना किसके लिए है ?बीवी बच्चों के...

Read Free

प्रेम को समझने में बटें शैक्षणिक विषय By Jitin Tyagi

प्रेम मानव का एक आधारभूत मनोभाव हैं। जिसके बिना जीना कुछ अपवादों(वो भी एक लंबे अरसे के प्रशिक्षण के बाद) को छोड़कर असंभव सा जान पड़ता हैं। इसे परिभाषित कैसे करें। इसके बारें में संसा...

Read Free

अंधविश्वास का जादू By Ranjana Jaiswal

कोई कुछ भी कहे, हमारा देश महान तो है ही। जरा आप ही सोचिए-इस संसार में है कोई ऐसा देश, जहाँ देवी-देवताओं की संख्या उतनी ही हो, जितनी योनियाँ। यानी चौरासी लाख। इतना ही क्यों कुछ वर्ष...

Read Free

जादुई मन - 7 - सुनने की क्षमता बढाने की साधना By Captain Dharnidhar

आकाश तत्व की ज्ञानेन्द्री हमारे कान हैं । ध्वनि आकाश तत्व का गुण है । सुनने की क्षमता सभी जीवों मे अलग अलग हो सकती है । ध्वनि की तीव्रता को सहन करने की क्षमता भी सभी मे अलग अलग होत...

Read Free

आत्महत्या By Reshu Sachan

 न जाने कितने लोग रोज अपने अपनों को बेगाना करके इस दुनियां को अलविदा कहकर चले जाते हैं| उनकी अकाल मृत्यु की वजह भी क्या आख़िर आत्महत्या| माना जा सकता है कि उनकी मौत की वजह वो खुद ही...

Read Free

एक रूह की आत्मकथा - 5 By Ranjana Jaiswal

'एक बात कहूँ बुरा तो नहीं मानेंगी कामिनी भाभी'-समर ने सकुचाते हुए मुझसे कहा। -कहो न,क्या कहना है?मैंने अपनी खुशी के अतिरेक पर विराम लगाते हुए पूछा। 'ये बच्चा....ये .......

Read Free

विश्वास - कहानी दो दोस्तों की - 9 By सीमा बी.

विश्वास (भाग -9)"सरला जी, एक प्लेट में खाना लगा कर भुवन बेटे को भी वहीं दे देते हैं ,वो भी खा लेगा"। उमा जी ने कहा तो सरला ने भी कहा "हाँ ये ठीक रहेगा, मैं दे आती हुँ"। सरला भुवन क...

Read Free

बुंदेलखंड के लोक जीवन में समय बोध By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

कृष्ण विहारी लाल पाण्डेय की बुन्देली भाषा विज्ञान सम्बन्धी लेखमाला-बुंदेलखंड के लोक जीवन में समय-बोधके बी एल पाण्डेयमनुष्य ने काल के निरवधि विस्तार को अपने बोध की दृष्टि से खंडों म...

Read Free

महिला पुरूषों मे टकराव क्यों ? - 48 - केतकी की हमशक्ल By Captain Dharnidhar

अभय अपनी यूनिट से छुट्टी पर आ रहा है । ट्रेन में एक युवती को देखकर अभय ने केतकी का नाम लेकर उसे पुकारा .. वह युवती अभय को देखने लगी और उसने अपने पीछे मुड़कर देखा ..उसे लग रहा था यह...

Read Free

दतिया की बौद्धिक सम्पदा By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

लेखदतिया की बौद्धिक संपदा के कुछ प्रतिमानडॉ.के बी एल पाण्डेयदतिया में साहित्य और कला की समृद्ध परंपरा के साथ ही कुछ ही दशकों पहले यहां गंभीर और प्रचंड बौद्धिकता का भी असाधारण बना र...

Read Free

लोक संस्कृति स्थिर व गतिशील होती है  By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

o लोक संस्कृति स्थिर व गतिशील होती है केबीएल पाण्डेय का इंटरव्यूप्रश्न 1 आपके मतानुसार लोक संस्कृति से क्या आशय है?केबीएल पाण्डेय-काफी समय तक संस्कृति के ऐसे विभाजन हम नहीं देखते ह...

Read Free

गांव और लोक संस्कृति By कृष्ण विहारी लाल पांडेय

गांव और लोक संस्कृतिके बी एल पाण्डेय'लोक' और 'संस्कृति' शब्द कोषतः चाहे.. कितना व्यापक अर्थ रखते हों, किंतु आज परस्पर सन्निधि में सामान्यतः आशय विशेष में रूढ़ है । ल...

Read Free

प्रकृति और हम By ROHIT CHATURVEDI

क्या है प्रकृति ? और क्या हैं हम ?प्रकृति अर्थात निर्माता की हर वह संरचना, जिसे हमने नहीं बनाया और हमारे आसपास मौजूद है, वही है प्रकृति । परंतु कौन है वह निर्माता? जिसने हर चीज को...

Read Free

जीवन की सीख By Sonu Rj

१ सच है, शत्रु से संभलकर और हो सके तो चार हाथ दूर ही रहने में भलाई होती है। २ सीख - बुद्धिमानों की सलाह गंभीरता से लेनी चाहिए। ३. सीख- आपस की फूट सदा ले डूबती है। ४. सीख -- 1. एकता...

Read Free

सपना - अच्छे दिनों का By धरमा

दोस्तो कल रात को एक सपना आया, देखा कि मेरे मोबाइल में संदेश आया है....... कि भारत सरकार ने पचास लाख रुपये मेरे "जन धन योजना वाले बैंक खाते मैं डिपाजिट कर दिए है. मैं बड़ी ख़ुशी से...

Read Free

धरती पर क्यों खाली हाथ आए हैं और खाली हाथ लौटकर जाते है। By Akash Gupta

खाली हाथ आए थे, खाली हाथ जाना है.....लेकिन प्रश्न यह कि क्यों ?क्यों खाली हाथ आए थे और क्यों खाली हाथ जाना है ?और जब खाली हाथ ही जाना है, तो फिर कमाना किसके लिए है ?बीवी बच्चों के...

Read Free

प्रेम को समझने में बटें शैक्षणिक विषय By Jitin Tyagi

प्रेम मानव का एक आधारभूत मनोभाव हैं। जिसके बिना जीना कुछ अपवादों(वो भी एक लंबे अरसे के प्रशिक्षण के बाद) को छोड़कर असंभव सा जान पड़ता हैं। इसे परिभाषित कैसे करें। इसके बारें में संसा...

Read Free

अंधविश्वास का जादू By Ranjana Jaiswal

कोई कुछ भी कहे, हमारा देश महान तो है ही। जरा आप ही सोचिए-इस संसार में है कोई ऐसा देश, जहाँ देवी-देवताओं की संख्या उतनी ही हो, जितनी योनियाँ। यानी चौरासी लाख। इतना ही क्यों कुछ वर्ष...

Read Free

जादुई मन - 7 - सुनने की क्षमता बढाने की साधना By Captain Dharnidhar

आकाश तत्व की ज्ञानेन्द्री हमारे कान हैं । ध्वनि आकाश तत्व का गुण है । सुनने की क्षमता सभी जीवों मे अलग अलग हो सकती है । ध्वनि की तीव्रता को सहन करने की क्षमता भी सभी मे अलग अलग होत...

Read Free

आत्महत्या By Reshu Sachan

 न जाने कितने लोग रोज अपने अपनों को बेगाना करके इस दुनियां को अलविदा कहकर चले जाते हैं| उनकी अकाल मृत्यु की वजह भी क्या आख़िर आत्महत्या| माना जा सकता है कि उनकी मौत की वजह वो खुद ही...

Read Free