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आजादी दोनों को न थी,प्रेम करने की फिर भी कहानी प्रेम के नाम थी,दोनों की समाज,घरवालों,रिश्तेदारों के बारे में सोचकर अब बारी आई दो प्रेमियों के बिछड़ने की।। -DR.Yuvraj Singh
जब भी लोगों ने उसका जिक्र किया तो हंसकर दर्द छुपा लिया मैंने, ना कर ए दिल इतनी मोहब्बत उस शक्स से जो तेरी किस्मत में है ही नहीं जब भी याद आई तो ये समझा लिया मैंने, उसको पाने के लिए ए खुदा दुआ हो बेहिसाब की थी ये सोच कर की एक ना एक दिन तो वो मेरा जरूर होगा इसी आश में जीवन बिता दिया मैंने। -poetry girl 5102
अश्क आते नहीं तो छुपाते क्या निभाना नहीं आता तो प्यार क्या परिवार मध्यमवर्गी में जन्म लिया है हमने परेशान होकर मुस्कुराते क्या।। -DR.Yuvraj Singh
उड़ता पंक्षी, गर्जता बादल बहती हवा, बरसती बूंदे मुझसे कुछ कहते हैं तुम कभी आए थे , ये बार बार कहते हैं। कहीं गया था तू अब तक ना लौटा ये बराबर कहते हैं। उड़ता पंक्षी ..................... लक्ष्य तक जाना जरूरी है लौट के वापस आना जरूरी है तुम बिछड़ने के बाद, कभी न लौटे अब लौटोगे ये बार बार पूछते हैं। उड़ता पंक्षी .............. बात तुम्हारी सभी याद रखें ये भी तो जरूरी हैं। कभी लौटता मुमकिन हो तो ये पूछते है पहले किस से मिलोगे। उड़ता पंक्षी .............. अकेला बैठा रहूं तो याद आ गई तेरी फिर कलम उठाई और बातें लिख दी तेरी तू लौटे या न लौटे ये हमेशा पूछते हैं। उड़ता पंक्षी ............... DR.YUVRAJ SINGH
लक्ष्य तक जाना जरूरी है, लौट के वापस आना जरूरी है, तुम बिछड़ने के बाद कभी न लौटे, कब लौटोगे ये बार बार पूछते हैं।। -DR.Yuvraj Singh
उड़ता पंक्षी, गर्जता बादल बहती हवा, बरसती बूंदे मुझसे कुछ कहते हैं तुम कभी आए थे,ये बार बार कहते हैं। -Dr.Yuvraj Singh
देखकर ये यहां का मंजर मन बदलना पड़ा हमको भी। कहीं आ ना जाए लपेटे में इसलिए कहानी हमारी यहीं तक सही।। -Dr.Yuvraj Singh
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