The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
बचपन में माता-पिता हमारी उंगलियों को अपनी उंगलियों से थामकर हमें संभालते हैं, चलना सिखलाते हैं। तो हमारा भी यह कर्तव्य है कि जब तक माता-पिता की साँसें शेष है तब तक हम भी उनके सहारे की छड़ी बनकर उनके डगमगाते कदम को संभालें, उनका ख़्याल रखें। -कुमार संदीप
माँ अपने आँचल में ढ़ककर बच्चों को जो स्नेह,सुख देती है उस सुख की प्राप्ति बच्चा चाहे कितना भी बड़ा बन जाए पर प्राप्त नहीं कर सकता है। -कुमार संदीप
संपूर्ण विश्व में हर घर ख़ुशहाली हो इसलिए सभी राष्ट्र को ख़ुद की तरक्की के ऊपर ही ध्यान न देकर सभी के लिए सभी के हित के लिए सार्थक प्रयास करना होगा। #विश्व
संकट बेशक विभिन्न रुपों में हमारी ज़िंदगी में आए पर हमें मुश्किल हालातों से मुँह नहीं मोड़ना चाहिए अपितु मुश्किलों का डटकर सामना करना चाहिए। #विभिन्न
कुछ रिश्ते बेशक खून के न हो पर खूं के रिश्तों से भी बढकर होते हैं जिन्हें अनकहे रिश्ते कहते हैं! #अनकहा
#नरम कोई भी वस्तु जो नरम होती है उस पर लोग अत्यधिक आकर्षित होते हैं।ठीक उसी तरह यदि आपका स्वभाव नरम है अर्थात कर्कश नहीं है तो सभी लोग आपसे प्रभावित होंगे।इसलिए व्यवहार में विनम्रता अवश्य रखिये।
#आनंद #Joy ज़िंदगी चाहेगी किसी मोड़ पर तोड़ना तुम्हें पर.. मंजिल का राही तू मत रुकना मत मायूस होना कभी आनंद मन में रखना सदा लड़ना तुम मुश्किलों से लड़ना बुरे वक्त से हौसला रखना सर्वदा बुलंद होगी फ़तह एक दिन निश्चित ही रखना सदैव विश्वास ख़ुद पर सदा।। ©कुमार संदीप
#announce सभी शुभचिंतकों के समक्ष कीजिए घोषणा आज आप अंतिम सांस तक मेहनत करने की कभी हार न मानने की आप हो जाएंगे निश्चित ही सफल बस रखें विश्वास ख़ुद पर।। आपका अहित चाहने वाले हैं जो भी उनके समक्ष कीजिए घोषणा कि होगी कोई भी मुश्किल न मानूंगा हार कभी ईर्ष्यालु भी सोचेंगे बंदा सचमुच में है काबिलेतारीफ़।। खूब उन्नति कीजिए खूब नाम कमाइए पर एक बात सदैव रखिए स्मरण माता-पिता के उपकारों को न भूलिए कभी दीजिए विश्वास उन्हें साथ निभाऊंगा अंतिम सांस तक।। कीजिए घोषणा आज आप और लीजिए शपथ कि सदैव साथ निभाऊँगा मात-पिता का अंतिम सांस तक देश से प्रेम करूँगा सर्वदा हाँ लीजिए शपथ आज आप।। ©कुमार संदीप मौलिक, स्वरचित, अप्रकाशित
#Distract ज़िंदगी लेगी हर घड़ी परीक्षा चाहेगी कि तू मान ले हार मंजिल जब तक न मिलें मंजिल का राही तू मत मानना हार कभी लड़ना तुम मुश्किलों से और हासिल कर के रहना फ़तह एक दिन कभी भी विचलित न होना कभी भी मायूस न होना ज़िंदगी की परीक्षा पार कर मिलेगी सफलता एक दिन निश्चित बस विचलित न होना मुश्किल के वक्त होगा सफलता एक दिन आएगा तेरा भी अच्छा वक्त। ©कुमार संदीप मौलिक,स्वरचित
#Distance #दूरी शुरुआत में मंजिल दूर दिखेगी पर राही तू चलना मत रुकना कभी तुम्हें सफलता अवश्य मिलेगी बस किसी मोड़ पर हार मत मानना कभी।। मंजिल तक की दूरी दूर हो जाएगी एक दिन बस राही बिना थके तू रोज़ चलना करना कड़ी मेहनत हर दम होगा सफल तू निश्चित ही।। ©कुमार संदीप मौलिक, स्वरचित
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser