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कमब्ख्त रात भर बात की मैने उससे_ सुबह अलार्म कि घंटी ने जगा दिया।
'झाड़ू' हां मे झाड़ू हुँ, घर के कोने मे रहता हु, या घर कि किसी दीवार पे टांग दिया जाता हुँ...। गंदकी साफ करता हुँ, घर को साफ रखता हुँ...। बच्चों को लिए खिलोना हुँ, शरारत की तो माँ के हाथो की लाठी हुँ...। किसीके दिल को साफ नही कर पाता मगर सभी को स्वच्छ रखता हुँ, हां मे झाड़ू हुँ । - *કલમ*
Betab ye isq mera chehra dekhta hu khwab me...... Najar ke vo samne najar muskurata hu khwaab me..... Dur rehkar bhi karib he isq mera do dil mile jb khwaab me..... ✌️ -vm. c
facebook પર like કરે એવું પાત્ર નથી જોઈતું સાહેબ , આખી જિંદગી મારા face ને like કરે ઇ પાત્ર જોઈએ છે. -vm.c
જ્યાં સફળતા હોઈ છે ત્યાં ત્યાગ, બલિદાન, પરિશ્રમ, દુખ વધારે જ વેરાય છે. @vm.c
जिंदगी मे अपने साथ चलने वाले कुछ लोग अपना रास्ते बदल लेते है, और अपने किए वादे तोड़ देते है। एक दोस्त ही है जो वादा नही करता मगर ' जिंदगि भर साथ चलते जाते है। -vasudev
मेरी कहानी उसे बता ही नहीं पाया जब उसके हाथ किसी और के हाथो मे देखे , दिल पे बड़ा पत्थर रख कर लौटा हुँ वापस , केसे भुलू उसे जब उसकी उँगलियाँ मेरे हाथो मे थी और दोनों सड़क पे चल रहे थे ।
खुदसे ही दोस्ती कर ली है मैने, अब उसकी बातों की जिक्र मे खूदसे ही बाते बतियाता हुँ, खुदको को ही गुनेगार और दोषी ठहराता हुँ, अब उसके साथ कदम चलने के जिक्र मे खुद अकेले राहों पे चला जाता हुँ, उसको देखने के जिक्र मे अब खुदको ही आइने मे देख लेता हुँ , मानो या न मानो खूदसे दोस्ती मे सुकून मिलता है। -vasu
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