Quotes by Upendra Jitiya Parmar in Bitesapp read free

Upendra Jitiya Parmar

Upendra Jitiya Parmar

@upendra55


इक लड़की दिखाई नहीं दे रही
मेरे दिल में मकान से घर बना कर

उसे ढूंढो कहा है वो आखिर
देखो मेरा घर , घर नहीं है

-"उपेन"

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हर कोई कहेता रहता है शानदार है शायरी
मेरी कहानी का किरदार है कि सुनता नहीं
- "उपेन"

होने को बहुत कुछ है मगर , तु नहीं है
यानी सबकुछ है मगर , मै ही नहीं हूं

- "उपेन"

कैसे ना हो जाए किसको इश्क़ आपसे
आपकी खूबसूरती तो आप जरा देखिए

-upen"

किस सम्पत को जाना है
किस राह के मुसाफिर है

कोई बतलाए हमे जरा
की हम है तो कहा है

- "उपेन"

कभी तो तू मेरे सामने आ रे
मेरे सीने से तेरी याद ले जा रे

धड़कनो को भी , साथ अपने ले जा रे
मेरे दिल में और का खयाल ना आये रे

तेरी जुस्तजू , तेरी आरजू ,बस तेरा ही खयाल है
आ के ले जा रे..... मेरे ख्वाबों को ....
तेरी पलको पे सजा जा रे

कैसी है ये गम गिनिया , मिटाते मिटती ही नहीं
खुशी की चादर में लिपटा के , उसे मिटा जा रे

ज़िन्दगी परेशान है , दिल हैरान है
आके सुल्हे तू मुझसे मेरा करा जा रे .....

हम बिछड़े नहीं , ना जुदा हुए है
आ के तु , तुझे तु बना जा रे

कभी तो तू मेरे सामने आ रे
मेरे सीने से तेरी याद ले जा रे
- "उपेन"

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पलकों पर बूंद आकर अटक सी गई
में रोता तो शहर तबाह हो जाता

- " उपेन"

તું જ મારો રસ્તો
તું જ મારો વિસામો
તું જ મારો છાયડો
તું જ મારી મંઝિલ
તું જ નથી પણ તું !

હું એકાંત ચોતરફ
હું હર્દય બરતરફ
હું જીવન નિઃશબ્દ
હું ગરજ નીર્મોહ
હું જ નથી પણ હું !
- ઉપેન

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उसे बिछड़े हुए इक जमाना हुआ है
अब भी दिल में वो ठहेरा हुआ है

- "उपेन"

में भी शायद साहिर होता
तो ताजमहल नज़्म कहेता

कहानी हमारी भी मशहूर होती
' गर तुम अमृता प्रीतम होती

-"उपेन"

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