Quotes by K T in Bitesapp read free

K T

K T

@tiwari.khushboo178gmail.com114420
(3)

जब भी बारिश हो भीग जाया कर,
ये मन तू अब और ना घबराया कर।

अपने मन के भाव को अपने तक रख,
किसके पास है फुर्सत उसे सुनने समझने की,
तू खुद की गिरफ्त से बाहर तो निकल,
ये मन तू अब और ना घबराया कर।

अपने चहरे की ये प्यारी सी हसी को जिंदा रख,
जैसे पेड़ो में खिलते हैं फूल हर रोज नए,
तू उसके भांति अपने विचार से मिल,
तू खुद से अपना रिश्ता खुद ही निभाया कर,
ये मन तू अब और न घबराया कर।

Read More

खुद की सीमाओं से मुक्त होकर,
मैं बस उड़ना चाहती हूं,
मैं इस खुले नीले आसमान के नीचे
बेफिक्री से जीना चाहती हूं।

मैं नहीं चाहती की मैं खुद पर कोई बंदिशे लगाऊं
और अपने मन को समझाऊं।
मैं नहीं चाहती की मैं अपनी मनमानी करने से
भी अब खुद पीछे हट जाऊं।

मैं बस अब पूरी दुनिया
एक आजाद पंछी की तरह घूमना चहती हूं।
हां, मैं खुद की सीमा तोड़ कर
अब बस उड़ना चाहती हूं।।

Read More