Quotes by Sweety Patel in Bitesapp read free

Sweety Patel

Sweety Patel

@sweetypatel201916
(29)

भरे बाग़ीचे में, हजारो फूलों में,
तूम हो गुलाब के फूल सी..

कड़ी धुपमें तुम छाँव सी,
तूम हो गुलाब के फूल सी,

भागते हुए इस शहर में,
ठहरे हुए एक गाँव सी..।।

लाल हो जिस पे रंग चढ़ा,
उस गुलाब के फूल सी..

सुंदरता की मिसाल तूम..
नोंखिले ज़रा कांटो सी..

भरे हुए इस उपवनमे,
तुम हो गुलाब के फूल सी..!!
@sweety

Read More

जब भी पा सको
आज़ादी यहाँ से,
पेश आइयेगा
अब जरा इज़्ज़त से ।।

उनसे जो
बेइज़त है,
क्योंकि वो अबोल है,
या फिर
बोलना भूल गए है।।

इज़्ज़त दीजियेगा जरा सी
उन्हें, जो
शातिर दिमाग
चलाते नहीं,
किसीका बूरा करने में
उनसे जो कि मूर्ख है,
आपके नजरिये से ।।

जरा इज़्ज़त से
पेश आइयेगा उनसे,
क्योंकि वो छोटे,
वो अबोल पशु भी
और उड़ते पंखी भी,
छोटे नही है
प्रकृति माताकी नज़र से ।।

और इस corona के लिए,
सब समान है,
तुम भी ओर वो भी..।।

वो गरीब पुरुष भी औऱ
वो मूर्ख सी स्त्री भी,
बड़े शहरका अफसर भी,,
गाँव का किसान भी,
वो काला भिखारी भी,
ओर वो गोरी मेडम भी,

वो राम भी,
ओर रहीम भी
ओर..
जीसस भी ।।

पेश आइयेगा
अब जरा इज़्ज़त से,
उनसे भी,
जो चार रास्ते पर खड़े है,
या ओवरटाइम करते है,
सिर्फ अपनी नोकरी के लिए,
ओर बेइज़्ज़त होते थे,
बड़े बाप के बेटों से..!!

जब भी पा सको
आज़ादी यहाँ से,
इज़्ज़त से पेश आइयेगा,
सबसे, उनसे भी
ओर ज़रा सा हमसे ..।।

~ sweety

Photos taken by me, from banglore zoo..!!

Read More

I smile..
I have to smile..
I need a
stronger smile..
for my kid..!!
as he need me
to smile..!!

After all those pain,
and
all those heartaches..
I have to happily smile
as my kid need
me to smile..!!

After all silly talks,
that
don't even
have courage
to face my eyes..
I need to be deaf
As my child need
me to love..!!

After all silly politics
you can do
with my fool heart..
I have to smile..
as my kid need
a smile that is
full of heart..!!

After all that falls
I have to stand up..
And have to
build up the trust
for the world again..
As my kid..
need to learn
and love
whole world...!!

My kid need
a love..
with full of
my heart..!!
and me with
a stronger smile..!!

Read More

पहले भी में
पहनती थी साड़ी,
बांधती थी अपने आपको,
फिर भी खुलके रहती थी।।
यूँही बात बात पर,
बिन वजह हँसा करती थी।।
पल्लू छोड़कर खुल्ला,
धीरे से चल लेती थी।।
अगर गिर जाऊ तो,
लोग कहते थे,
"संभालना जरा, गिर जाओगी
तो चोट लगेगी।।

अब भी में
पहनती हुँ साड़ी,
बांधती हुँ अपने आप को,
चलना तो दूर,
दौड़ भी सकती हूं में।।
पल्लू बांधकर कमर पर,
सिमट लेती हूं सब।।
हँसना कम ,सोचती हूं
ज़्यादा अब ।।
पर अगर गिर जाऊ
गलती से,
तो लोग कहते है,
"संभाल कर चलो,
इतना भी नही सीखा?
औरत हो तुम??"

मै तो वही हुँ,
साड़ी भी वही है,
पर बदले है कुछ लोग,
ओर बदली है
कुछ नीची
उनकी सोच...।।।

Read More