Quotes by Supriya in Bitesapp read free

Supriya

Supriya

@supriyasantosh8gmail.com2698


बादलों के बीच कहीं नर्म रोशनी होगी,कुछ बूंदे नीली मधुरस में घुली होगी...
कोई आजमाएगा नही ,किसी को भी इजाजत होगी...

-Supriya

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कान्हाजी!!! यूं , देखा न करे तन की हर डोर डोर खुल जाती हैं......
हम, हम नही रहते बस एक रोशनी रह जाती हैं.....

-Supriya

मेरा हरा रंग ना भाता मोहे, सावरे की कुछ निली बूंदे भी मिल जाए...
आग बिरहा की झुलसाती ऐसे, उस बैरागी के तेज में हम खो जाए.....

-Supriya

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हम उस अंधेरे की बात करते है,जो तुझे छू के गुम हो जाता है।
उस बिचारे की बात करते है,जो तेरे रूबरु चुप हो जाता है।
पल सुनहरे हो जाते है तेरे आने से,वक्त भी अचरज से ठहर जाता है।

-Supriya

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हुनर शिकारी का बड़े गुमान में था,
उसने पर्दा उठाया और फांसा पलट गया....

-Supriya

तारों का शहर क्या अलग होगा,
हम तुम और ये उजाला होगा.....

-Supriya

दिल तो टूटते रहते हैं,
अरमान बिखरते रहते है,
सजाए तारे गिरते रहते है,
बिन मौसम सावन पिघलते रहते है,
मुश्किल नहीं है जादा,इन सबसे निकल जाना,
बस होंठो पे, मुस्कान सजाके रखना।
बात संभल जाएगी,
रात गुजार जाएगी,
आने वाली है वह,
फुरसत में आ जाएगी,
आज यह वक्त है,कल वक्त को है बदल जाना।,
बस होंठो पे मुस्कान सजा के रखना।

-Supriya

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मुठ्ठी भर गुलाल था ,जो पास हमें लाया था...
चुटकी भर सिंदूर से कोई हमें पराया कर गया....

-Supriya

हम सोचते है दिल हमारे पास भी था कभी!!!!
तुम ने देखा.....
और जलजला बहा ले गया.....

-Supriya

आज भी याद है मुझे,सागर तब मीठा था!!!!!
जो सावन से है दो नैन ,सूरज उन में जिंदा था....

-Supriya