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नौकरी तू कितनी खूबसूरत है हर जवां दिल की तू चाहत है जवान दिलों की आरजू है तू, उनके बेचैन दिल की राहत है तुम्हें पता है तुझे पाने की चाहत में क्या क्या सितम उठाए हैं रात भर तेरे लिए ही तो जागे है ,तेरी यादों में दिन बिताए हैं छोड़कर अपना मखमली बिस्तर तेरे लिए ही चटाई पर सोते थे दिन में खिचड़ी रात में मैगी खाते थे ऐसे ही अपने दिन होते थे तुझे पाने की चाहत में ही तो अनजान शहर में निकल आए थे तुझे आगोश में भर लेने की जिद थी, तेरे लिए ही तो दुख उठाए थे लेकिन तू भी बेवफा ही निकली तेरा दिल तो पैसों पर आया था तेरे लिए मेरा जिद जुनून और प्यार, पैसों की आगे ना ठहर पाया था चलो कहीं से पैसा इकट्ठा कर भी लेता फिर भी तुम मेरी ना हो पाती वो जो तुम्हारा दोस्त है आरक्षण तुम तो उसी की बाहों में ही जाकर समाती माना कि तुम बहुत ही हसीन हो ,हर कोई तुम पर ही मरता है पर हम पर भी तो नजर डालो आशिकों से ऐसे भी कोई करता है तुम क्या जानो मेरी जान मैने ,तुम्हारे लिए क्या-क्या सहा है मेरी माँ ने गहने बेचे थे अपने ,मेरा बापू भी भूखो पेट रहा है वो इसी उम्मीद में थे की एक दिन मैं तुझे दुल्हन बना कर लाऊंगा फिर आराम से वो दिन काटेंगे,मैं तुझसे उनकी सेवा कर वाऊंगा पर मुझे न मालूम था कि तेरा दिल किसी और पर ही आया है नौकरी तू बहुत बड़ी पत्थरदिल है तुमने सबको बहुत रुलाया है माना कि तुम बहुत हसीन हो ,पर अब इतना भी तो मत इतराओ मेरी बचपन की चाहत हो प्यार हो तुम एक बार तो बाहों में आ जाओ जो अब तक तुमने सितम ढाये है ,सब भूल कर तुझे गले लगाऊंगा कसम से जिंदगी भर साथ दूंगा ,तुझे कभी भी नही रुलाऊंगा मेरी चाहत को मेरे इश्क को मेरे जुनून को एक नया नाम तो दे दो आ जाओ मेरी बाहों में सनम ,मुझे एक नया पहचान तो दे दो तुम्हारी असली कदर न तो पैसे वाले न ही आरक्षण वाले कर पाएंगे वो तुम्हे क्या प्यार करेंगे क्या चाहेंगे वो तो तुम्हे सतायेंगे और रुलायेंगे तुम मुहब्बत हो जरूरत हो हसरत हो हमारी ऐसे तो मुह मत मोड़ो । आ जाओ मुझे भी प्यार कर लो यु तन्हा अकेला तो मत छोड़ो । तुम्हे दिल से चाहा है तुम्हे खुदा की तरह माना है और पूजा है । तुम्ही मेरी पहली ख्वाइश हो , तुम्हारे सिवा कोई न और दूजा है । अब छोड़ दो जिद अपनी तुम मेरी चाहत पर आकर मरहम लगा जाओ मेरी महबूबा हो तुम मुझपर रहम कर लो आकर मुझको गले लगा जाओ मेरे इस जलते दिल को अपनी ठंडी सी फुहारों से अब तो भीगा दो । हूँ बेचैन बहुत तुम बिन आ जाओ मत प्यार की इतनी बड़ी सजा दो ।
जो नजर में बसी है ,जो मन को मेरे भायी है जो दिल मे धड़कती है जो साँसों में समाई है जो रूह सी है जो कोहनूर सी है जो पुरानी शराब की सुरूर सी है जो दिल का सुकून है जो दिल की करार है जो मदमस्त हवा सी है जो बरसती फुहार है जो मेरी रातो के नीदों की हसीन ख्वाब है जो चाँद की चाँदनी है जो फूलो में गुलाब है मेरा सनम वही पास होकर भी कितना दूर है धड़कन तो बढ़ जाती है बस दिल ही मजबूर है -Sunil Gupta
एक बात पूछू मुस्कुरा कर जबाब देना। मुझे रुला कर खुश तो हो ना 😢😢 -Sunil Gupta
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