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सर झुके बस उस शहादत में शहीद हुए जो हमारी हिफाजत में जय हिन्द जय हिन्द की सेना।🙇
तो बात कुछ यूं है.. कि बस एक नाम लिखने की इजाजत नहीं है मुझे.. बाकी वैसे मैं लिखती सब उन्हीं पर हू..❤️
उस सफर में धोखा हम भी दे सकते थे मगर, रगों में दौड़ती वफा से बगावत नही... होती
प्यार तुमने खूब किया पर कमी मेरे प्यार में भी नही थी। बहुत अच्छे थे तुम यार पर इतनी बुरी तो मैं भी नही थी। फिक्र तुम्हे थी मेरी बहुत पर, चिंता मुझे भी तुम्हारी कम नहीं थी। साथ होते भी दूर थे तुम इसलिए अलग रहकर प्यार करना मजबूरी मेरी थी।
कुछ कमियां मुझ में थी। और कुछ कमियां उसमें थी। फर्क बस इतना सा था कि वह गिनते रहा और मैं नजरअंदाज करती रही -Sᵤᗰₐñ Cₐᵤᵣₐsᵢyₐ
बहुत कोशिश की थी मैंने उसे समझाने की.. फिर एक रोज मैंने समझा लिया खुद को..
जहाँ उम्मीद नहीं होती वहाँ तकलीफ की कोई गुंजाइश नहीं होती
माफी मांगना हो या फिर माफ करना, ये आसान भी है और कठिन भी अपनी गलती मान लेना और दूसरों की गलती माफ कर देना, हमें मानवीय बनाता है। माफी ना ही सौदेबाजी है, ना ही चालाकी। माफी मन का वो धरातल है, जहां अपनी भूल मानने वाले और माफ करने वाले दोनों की ही जीत होती है। माफी हमें बेहतर बनाती है। -Sᵤᗰₐñ Cₐᵤᵣₐsᵢyₐ
जितना बदल सकते थे बदल लिया खुद को..! अब जिसको शिकायत हो वो अपना रास्ता बदल ले Sᵤᗰₐñ Cₐᵤᵣₐsᵢyₐ
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