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*दूर थे ज़िस्म से, पर दिल से जुदा थोड़ी थे,* *वो ख़फ़ा हमसे थे, हम उनसे ख़फ़ा थोड़ी थे.* *किस तरह करते भला ख़्वाहिशें पूरी उनकी,* *हम भी इन्सान थे, एै दोस्त! ख़ुदा थोड़ी थे.* *हमपे इल्ज़ाम लगा हमने बुझाये हैं च़राग?* *हम तो साया थे च़रागों पे, हवा थोड़ी थे.* *बेसबब हमसे रखीं दूरियां तुमने क्यूं* *हम तो धड़कन थे मेरे यार! कलेजा थोड़ी थे.* *हम नहीं वो कि उतर जाते सुबह होते ही,* *हम इबादत थे, शराबों का नशा थोड़ी थे.*
💕 *तुझे हर बात पर मेरी जरूरत पड़ती* *काश,,, मै भी एक झूठ होती...*🔥
Aye khuda..! Meri Neqiyo ka Kya Hoga?? Mere Shaher Me To Dariya Bhi Nahi He.. 😶😶
*Apni Rooh Ka Libaas Bhi Diya Tha Usko ...* *Magar Afsos......* *Ki Usse Mujhme Rehna Naa Aaya...*
बेवफाई तो यहाँ सब करते हैं... लेकिन तुम तो समझदार थे कुछ नया करते ।।😐
करीब आने की उन्हें फुर्सत नहीं.. और मुझ पर इल्जाम लगा है दूरियां बनाने का....!!😷
*```आओ किसी बात पे झगड़ा ही कर लेते है💕* *नही रहा जाता तुझसे बात किए बिना💞```*
*तेरी तलब भी ना आयी मेरे हिस्से में* *किसी के वक्त में लिखा गया मुकम्मल तू*😑💔
*सोच रही हूं कि तुझे याद करने की आदत सुधार लूं* *क्यूं ना तेरा ही लहजा तुझसे उधार लूं...*😑🔥
बड़े सुकून से रहता है वो आजकल मेरे बगैर; जैसे किसी उलझन से छुटकारा मिल गया हो उसे....
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