Quotes by S Choudhary in Bitesapp read free

S Choudhary

S Choudhary Matrubharti Verified

@schoudhary6360
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व्यक्ति के जीवन का सबसे ऊंचा किरदार है पिता।
जिनको नहीं है उसकी कीमत जानते हैं।
जिनको है, उसके बगैर कल्पना करके अपना जीवन देखें।

-S Choudhary

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लोगों के लिए यह ज्यादा महत्व नहीं रखता कि आपने उनके लिए क्या किया।
वें अक्सर महत्व देते हैं कि आप उनके लिए क्या नहीं कर सके थे।

-S Choudhary

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पहले लोग लुकछिप के क्रिकेट में सट्टा लगाते थे,
इस आईपीएल के स्पॉन्सर ड्रीम11 ने घर-घर में जुआरी पैदा कर दिये।

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लोगो के व्यवहार से आप पता नही लगा सकते कि कौन आपके लिए मन मे बुरे विचार लिये बैठा है।
बहुत आत्मीयता दिखाने वाले लोग भी पीठ पीछे आपके अवगुणों की ही ज्यादा चर्चा करते हैं।
इसलिए बस खुद में मस्त रहिये,ईमानदारी से जीवन जीते रहिये।

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मेरी आहट भर से खुलने वाली खिड़कियों की कमी नही,

तू तरस जायेगा की कभी गुजरें हम भी तेरी गली से।।

-S Choudhary

प्रथम विश्व युद्ध के समय ब्रिटेन की तरफ से लड़ने के लिये 12लाख70हजार भारतीय सैनिक गये।
भारतीय राजा रजवाड़ो ने अपने खजाने खोल दिये।।
75 हजार भारतीय विदेशी धरती पर मारे गये जिनकी लाश तक का क्रियाकर्म नही हो सका,
घरवाले अंतिम दर्शन भी नही कर सके।
लाखो घायल हुए,
हजारो के अंग भंग हो गये,
बहुत से लोग पूरी उम्र अपाहिज रहे।
भारतीय लोग अंग्रेजों के गुलाम होते हुए भी उनकी जीत के लिए प्रार्थना कर रहे थे।
युद्ध की समाप्ति के बाद जीतने पर भी ब्रिटेन दुखी था क्योंकि उसकी अर्थव्यवस्था बुरी तरह बिगड़ चुकी थी,
उनके सामने अपने देश को संभालने के लिये भी संकट खड़ा हो चुका था।

वहीं इतनी गुलामी झेलने पर भी भारतीयों ने इस जीत का जश्न मनाया,
अंगेजो में उत्साह भरा की वो फिर खड़े हो और हम पर अच्छे से शासन कर सकें।
वही हुआ,

अंग्रेज दशयुओ ने भारत को और ज्यादा लूटा ,
नये नये टैक्स लगाये।

और हम तो बड़े दिलवाले है,
वसुदेव कुटुम्बकम जपते रहे,

सर्वे भवन्तु सुखिनः की प्रार्थना करते रहे।

'अहिंसा'परमो धर्म का जाप करके हुए नपुंसकता की अंतिम सीढ़ी चढ़ने लगे।।

#अहिंसा

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तेरे फरेब के लिए तुझे तो सो बार माफी,
तुझसे इश्क करके खुद से जो फरेब किया उसकी माफी कौन दे ?
#माफी

जिंदगी खुद जिंदगी का सबसे बड़ा हादसा है।
जब इसको जी रहे हैं तो बाकी हादसों की क्या औकात है फिर....

S Choudhary

तू कर गुमान अपने हुस्न पर बेशक,
मैं मिट्टी से बना हूँ मेरी खुशबू अलग है।

तू कर जालसाजी जितना तू चाहे,
मैं वफ़ा से बना हूँ मेरी फितरत अलग है।

ये फरेब चालाकियां तेरी खो रही है मुझे,
मैं तेरी किस्मत में नही मेरी कीमत अलग है।।

मुझे ढूंढेगा तू मेरे चले जाने के बाद,
मैं नही लौटूंगा मेरी आदत अलग है।।

© सुमित

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तुझसे बिछड़े भी तो तेरा सिखाया सलीका नही भूले,

आज भी अलमारी में तह बने रखे है तेरे संग देखे सपने।।

#तह