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SARWAT FATMI

SARWAT FATMI Matrubharti Verified

@sarwat
(183)

कभी वो डरा ही नहीं मुझे खोने से
क्या अफ़सोस करेंगा मेरे ना होने से 💔💔
फर्क तो मुझे पड़ा उसके करीब जाकर
अँधेरे मे गुम हो जाने से
फिर वही खामोश खड़े होकर
खुद को सँभालते हुए
खुद को खुद से आईना दिखाते हुए
अपने हाथो को थामते हुए
अँधेरे मे खुद को सौपते हुए
गुम हो जाने से
अँधेरे मे इसके कदमो के आहटो को एहसास करने से
उसके मोहब्बत को खुद मे पालने से
मुझे फर्क पड़ा उसके जाने से 💔💔
- SARWAT FATMI

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दिल के साफ थे हम ❤️
इसलिए दिमाग़ वालो ने अपनी चला ली
चल अब तू जिसमे खुश हैँ
atleast खुश तो हैँ
- SARWAT FATMI

मेरी उदासियों को वो समझ नहीं पाए
मेरी खामोशियों को समझ नहीं पाए
मेरी नम आँखे देख नहीं पाए
शायद हुनर बहुत हैँ मुझमे
अपने मुस्कुराते हुए चेहरे पर
कभी कुछ आने ही नहीं दिया 💔
- SARWAT FATMI

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तेरे बिना मन नहीं लगता
तू मेरी मोहब्बत हैँ
तू मेरा वो सुकून हो
जो शायाद ना हो तो मैं कुछ भी नहीं
ये सच था.??.
या
सिर्फ पास आने का बहाना
कहानी अभी शुरू ही नहीं हुई
के तुमने ज़मीन पर पटक दिया
atleast जाने से पहले खुद को सँभालने का मौका तो दे देते
बिना अलविदा बोले ही रिस्ता ख़त्म कर दिया
ये तो ठीक नहीं 💔💔
- SARWAT FATMI

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तेरे से दूर होने की बहुत कोशिश किया मैंने
तुम्हारा सरे आम बेइज्जती करना
वो भी चुप हो कर सेह लिया मैंने
गुस्सा तो सच मे
बहुत आया
फिर तेरे बिताये वो पल याद आगये
मैं तुम्हारी जिंदगी का वो हिस्सा बन ही नहीं पाई
जो हिस्सा मेरी जिंदगी मे तुमने बना लिया
बार बार phone देखना की कही तुम्हारे msg तो नहीं
शयाद status मेरे लिए तो नहीं
मनाने का कोई बहाना तो नहीं 💔
पर गलतफैमी भी बहुत गज़ब चीज़ हैँ
ये एहसास तुमसे मिलकर हुआ
सुकून हो तुम मेरे, सुकून हो तुम मेरे
ये बार बार कहने से सुकून कोई बन नहीं जाता
thankx ये बार बार एहसास दिलाने के लिए
चल तू रूठा मैंने मना लिया
ये किस्सा यही खत्म ही करते हैँ
बार बार अपना होने का एहसास दिलाये
वो रिस्ता ही क्यों??
मेरे दर्द को आँखों मे देखा ही नहीं
मेरे अल्फाज़ो को समझा ही नहीं
फिर बोलने से क्या फ़ायदा
एहसास तेरा हैँ इसलिए तो बार बार तेरे पास आ जाती हूँ
खुद का insult कराने 💔💔
- SARWAT FATMI

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याद करोगे अकेले मे
जब अपना कहने को तो सब होंगे
पर दो मीठी बात करने को कोई पास
बैठा ना होगा
तुमसे एक होने की उम्मीद नहीं थी
फिर भी दिन रात तेरी बातों को सहती रही
सुकून, सुकून कहते कहते कब
तुम्हारे गले का कांटा बन गयी
खबर ही ना हुआ 💔
होश तब आया
जब तुमने आईना दिखा दिया
मेरा टोकना, मेरा गुस्सा करना
रूठ कर बैठ जाना
तुम्हे यह एक पागलपन सा लगता था
चल अब ये पागलपन तुझसे दूर
चला गया 💔
- SARWAT FATMI

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किसी को बार बार कहना
के तुम मेरे सुकून हो. ❤️
सच माने तो
हम कभी कभी इस कदर खो जाते हैँ
किसी को अपनी impotance
बतलाने मे
के खुद खो जाते हैँ क्या थे हम....
किसी के बोझ बनने से अच्छा हैँ
की उसकी हर यादो मे बस जाओ...
- SARWAT FATMI

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वो कहते हैँ तुम ना पागल हो
हाँ मैं पागल ही तो हूँ...
जो तुम्हारी नाराज़गी,तुम्हारा नज़रअंदाज़ करना, तुम्हारा बात बात पर लड़ लेना
तुम्हारा इस कदर hurt करना
फिर भी ये दिल तुम्हारा इंतजार करना नहीं भूलता
बार बार phone की तरफ देखना
के शायद कही msg तो तुम्हारा नहीं
ये दिल अब भी तुमसे बात करने को चाहता हैँ
दिल ही तो हैँ जनाब
अब दिल को कैसे समझाया जाये
अगर तुम कहते हो के तुम पागल हो
तो हाँ मैं पागल ही तो हूँ...
- SARWAT FATMI

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खुद मे एक शोर सी हो रही हैँ
ज़िख तो बहुत हैँ
पर किसे सुन्नी हैँ
गलती तुम्हारी नहीं
तेरे बदले हुए इस रूप से
कोई शिखायत भी नहीं
हाँ, बस खुद से नफरत सी हो रही हैँ
की मैंने तुम पर खुद से ज्यादा भरोसा कैसे कर लिया 💔
- SARWAT FATMI

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अक्सर वो कहते थे
मैं रिस्ता बहुत सिद्दत से
निभाता हूँ
हाँ सच मे
उसने रिस्ता सिद्दत से निभाया
पर दिल❤️ से नहीं
रिश्ते की बात अक्सर मेरे दिल मे थी
मोहब्बत मेरे दिल ❤️ मे थी
वो तो बस रिश्ते, मोहब्बत
अपने ज़ेहन मे ही रखते रहे 💔💔
- SARWAT FATMI

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