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कुसूर उनका नहीं हैँ जनाब कुसुवार तो में हूँ मेरी मोहब्बत इतनी पाक और गहरी थी की उनको खुद पर गुरुर सा छा गया 🌹🌹🌹 - SARWAT FATMI
बात उससे करो जो आपसे करना चाहे प्यार उससे करो जो आपको करे वरना बार बार खुद को जलील करने मत जाओ आप खुद में एक दुनियां हो बस खुद समझो - SARWAT FATMI
कभी कभी ये सोचती हूँ के मेरी कदर क्यों नहीं करते आप शायद, आपको में युही मिल गईं ये जवाब भी अजीब हैँ आपके लिए मेरे लिए तो पूरी दुनियां हैँ - SARWAT FATMI
वक़्त नहीं हैँ का,बहाना भी अजीब हैँ पास होकर भी ना होने का एहसास भी अजीब हैँ जब दूर होना ही है तो बोल दो खुद को अपने में तालाशना छोड़ दूँ - SARWAT FATMI
कुछ समझ नहीं आ रहा हैँ मैं गलत हूँ मेरा वक़्त या मेरे आस पास के लोग उंगलियां अक्सर मेरे स्वभाव पर ही आकर रुक जा रही हैँ - SARWAT FATMI
सब कुछ जिंदगी में नहीं मिलती किसी अपनों की ख़ुशी के लिए वो भी मुस्कुराते हुए छोड़नी पडती हैँ - SARWAT FATMI
ऐसी कशमोकश में हूँ जहाँ से आना मुश्किल हैँ अपनों को रुस्वा किया इसलिए खुद से रुस्वा हो कर जा रही हूं - SARWAT FATMI
तेरे जाने से कुछ बदला नहीं लोग भी वही, उनके ताने भी वही दिन भी वही राते भी वही कुछ थोड़ा सा बदला तो मैं मेरी नींद, मेरी निगाहेँ मेरी दिल की धड़कन जो अक्सर तेरे आने के इंतेज़ार में दरवाज़े पर ही रह जाती हैँ - SARWAT FATMI
अकेले बैठ कर खुद को कोस लेती हूँ खुद को ना समझने की भूल जो कर बैठी तेरे लिए सिर्फ एक ज़रूरत थी ज़रूरी कोई और था ये बात समझने मे वक़्त क्यू लगा दिया अक्सर खुद से सवाल कर बैठती हूँ - SARWAT FATMI
तेरे इंतज़ार मे युही पूरी दिन गुज़र जाती हैँ वक़्त ना रहने का बहाना सुन सुन कर अब जिंदगी भी युही तेरे बिना ही चलने लगी - SARWAT FATMI
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