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Ruchi Modi Kakkad

Ruchi Modi Kakkad

@ruchimodikakkad9431
(10)

कभी प्यार से तो कभी तकरार से,
कभी इठला के, तो कभी झिल्लाक्के,
नाज़-नखरे दिखाके,
ना जाने कहां से यह हुनर सिखा उसने
जिसमें मैं, बह जाता हूं...
अंदाज़ ए बयां कहानी सुनके।
इस बार मन पक्का कर लिया मैंने भी...
इक बार भी उसकी बातों में न आऊंगा।
न जाने कैसे फिर इस बार, उसकी भोली आंखों में फंस गया।
न जाने कैसे फिर इस बार, पत्थर दिल, मोम- सा पिघल गया।
हर बार जब वो शिकायतों का पोटला खोलती है...
बही खाते में, दूसरों की गलतियां ही लिखवाती हैं...
कभी कोई सवाल पूछ लो, तो मुस्कुराके आंख मार देती है।
और पास आ प्यार से कहती है -
आप राजा हो ,मैं आपकी राजकुमारी।
फैसला आपका होगा लेकिन होगी मेरी मर्जी।
हमारे रिश्ते की यही ख़ूबसूरती है...
हर बार अपनी बेटी से हार जाता हूं...
फिर भी जीत मेरी ही होती हैं।

- Ruchi Modi Kakkad

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किसी में खूबियां होती है,
तो किसी में खामियां होती है, सबकी अपनी-अपनी मनमर्जियां होती है।
कोई इस पाले सही होता है,
तो कोई उस पाले सही होता है,
सबकी अपनी-अपनी नज़र होती है।
बस! जो अलग होता है, वो देखने का नज़रिया होता हैं।

-Ruchi Modi Kakkad

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कह दो मुश्किलों से, कि कर ले तेज़ धार अपनी शमशीरों की..
हौसलों के परों पर सवार होकर आई है, जिद्द मेरी।।

-Ruchi Modi Kakkad

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वक्त के धागों में जिंदगी ऐसी उलझी...
उलझनों को सुलझाने में हम भी कुछ ऐसे व्यस्त हुए कि अपनो की डोर एक-एक करके छूटती चली गई...और हम ठीक से मौन भी न कर सके।


-Ruchi Modi Kakkad

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एक अच्छा लेखक, कहानियों के साथ-साथ किरदारों को भी जीवंत कर देता है.... आप कहानियां बेशक भूल जाए परंतु किरदार सदैव के लिए आपके दिल में बस जाते है और ताउम्र आपके साथ रहते हैं।।

-रुचि मोदी कक्कड़

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