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Rinki Choudhary

Rinki Choudhary

@rinkichoudhary9135


#बेवकूफ
आजकल का यह जमाना है,
सबको बेवकूफ बनाना है।
समझदारी की कोई कदर नहीं,
बस शानो-शौकत दिखाना है।
लाॅकडाउन कोई यहां तोड़े,
लाॅकडाउन कोई वहां तोड़े,
बस एक दूसरे पे इल्जाम लगाना है।
बेवकूफी कर जो ना मास्क लगाए,
कोरोना को अपने घर बुलाए।
अब न किसी को सताना है,
बेवकूफी छोड़ कोरोना को हराना है।

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#बेवकूफ

आज मैंने खुद को ही बेवकुफ बनाया,
ख़ुद से परेशानियों को दूर भगाया ।
दिनभर की भाग-दौड़ ,
एक पल‌ में ही थम गई,
आज था नौकरी का आखिरी दिन,
कैसे रह पाऊंगी मैं अब तेरे बिन ।
हो चली मैं अब तुझसे विदा,
बंध गई मैं शादी के बंधन में सदा।
काश कह पाती ,मैं हूं तुझ पर फिदा,
लेकिन पल में ही हो गई तुझसे जुदा।
हां! आज मैंने खुद को ही बेवकुफ बनाया,
ख़ुद से परेशानियों को दूर भगाया ।

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#घोंसला

जिस दिन मेरा घोंसला टूटा,
उस दिन मेरा हौंसला टूटा।
बहुत मेहनत से बनाया था मैंने,
एक पल में ही तोड़ दिया।
अपने कुछ पल के मनोरंजन के लिए,
मेरा बसा बसाया घर तोड़ दिया।
क्यों मनुष्य को यह एहसास नहीं होता है,
अपने हाथों से सजाया हुआ घर कितना खास होता है।
हां! जिस दिन मेरा घोंसला टूटा,
उस दिन मेरा हौंसला टूटा।

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एक दुखद दृश्य देखा
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आज बालकनी से बाहर एक दुखद दृश्य देखा।
सामने रेल पटरी पर कई लोगो को अपना समान ले जाते हुए व पलायन करते हुए देखा।
आंखो से अश्रु छलक उठे जब वहीं कुछ बच्चो को पीठ पर बैग लादे और धूप में छोटे छोटे क़दमों से चलते देखा।
पढ़ाई-लिखाई का अब ठिकाना नहीं
स्वयं का कुछ होश नहीं बस गांव के घर जाने का आराम देखा।

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