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Ravi Kevat

Ravi Kevat

@ravikevat5018


तू सवाल नहीं
तू तो है एक पहेली
मेरी मंज़िल तू नहीं
वो तो है तेरी सहेली

अर्ज़ किया है गौर फराइए
बहुत रात हो गई है।
अब सो जाइए।
सुभरात्री

-Ravi Kevat

दिल के सबसे पास सबसे खास हो तुम
मेरे जीने का ,मरने का एहसास हो तुम
मेरे सूखे बीरान जीवन की पहली बरसात हो तुम
जो पानी से भी ना बुझ पाए
ऐसे कुएं की प्यास हो तुम
मेरे शब्दों के छोटे से दायरे में ना समाए
वो खुदा की कायनात हो तुम
दिल के सबसे पास ,सबसे खास हो तुम
खुदा खुद ना सका इसलिए
उसका दूसरा रूप (मां) हो तुम
मेरे जीने मरने का एहसास हो तुम
सबसे खास हो तुम।

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भरा नहीं जो भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं
ह्रदय नहीं वो पत्थर है
जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं ।
जय हिन्द

-Ravi Kevat

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पता नहीं मोहब्बत करना गुनाह था या
बेबफाई का जमाना था
फिर भी इसी दुनिया में
बफादर आशिक़ का नाम कमाना था।

-Ravi Kevat

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