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आरव एक व्यस्त इंसान था। दिन-रात काम, मीटिंग्स और सपनों के पीछे भागना ही उसकी ज़िंदगी बन चुकी थी। उसके घर में माँ अकेली रहती थीं, जो हर शाम उसके आने का इंतज़ार करतीं। अक्सर वो कहतीं—"बेटा, पाँच मिनट मेरे पास बैठ जा।" और आरव हँसकर जवाब देता—"माँ, अभी बहुत काम है, बाद में बैठूँगा।" वक़्त बीतता गया। आरव की सफलता बढ़ी, पर माँ की उम्र और अकेलापन भी। एक दिन अचानक माँ बहुत बीमार पड़ गईं। अस्पताल के कमरे में आरव ने उनका हाथ पकड़कर कहा—"माँ, अब मैं आपके साथ बहुत वक़्त बिताऊँगा।" माँ मुस्कुराईं, आँखें बंद कीं और धीमे से बोलीं—"बेटा, वक़्त कभी वापस नहीं आता।" उनकी साँसें थम गईं। आरव समझ गया कि दुनिया की सबसे बड़ी दौलत "वक़्त" है, जो हमने अपनों के साथ नहीं बिताया तो फिर कभी नहीं लौटेगा। --- ✨ Moral: प्यार और अपने लोगों को वक़्त देना ही सबसे बड़ी मोहब्बत है।
tum sookun ho mere dil ka, meri ankhon ka, mere maan ka, tum vo talab ho jishe jitna dekhu utani naiy lehare nazar aati hai, Teri ankhen jaise talab mein kamal ho, Teri zulfon jaise lehar Teri Gaal jaise talab mein hansh ho.
With you, every moment feels right, तेरे बिना हर शाम है night. True friends never let you go, तेरा साथ है तो मैं never low.
सपनों की राह में काँटे बहुत मिलेंगे, अंधेरों के बाद भी सितारे खिलेंगे। मत हार, तू आगे बढ़ता जा, हर रात के बाद नए सूरज मिलेंगे। - ajay
ज़िंदगी आईने जैसी होती है, जैसा देखो वैसी दिखती है। मुस्कुरा कर जी लो हर लम्हा, क्योंकि ये फिर लौटकर नहीं आती है। - ajay
दोस्ती वो रिश्ता है अनमोल, जिसमें नहीं होता झगड़ा या मोल। साथ दे हर मोड़ पर वो, तो ज़िंदगी का हर सफ़र हो गोल।
उम्मीद वो चिराग है जो बुझता नहीं, अंधेरे कितना भी गहरा हो, थमता नहीं। बस यक़ीन रख और आगे बढ़, तेरा सवेरा दूर नहीं, पास ही कहीं। - ajay
ज़िंदगी एक सफ़र है रंगों से भरा, कभी स्याह, कभी उजला, कभी सुनहरा। मंज़िल से ज़्यादा सफ़र का मज़ा लो, हर पल को अपनी धड़कनों में जी लो। - ajay
दोस्त वो है जो आँसू छुपा ले, तेरी ख़ामोशी को भी समझा ले। राहें चाहे मुश्किल क्यों न हों, उसका हाथ तुझे कभी अकेला न छोड़े।
💔 कहानी: "सात पड़ाव और एक मोहब्बत" 1. Attraction (पहली नज़र का जादू) अहमद ने पहली बार नूर को दरगाह की सीढ़ियों पर देखा। सफ़ेद दुपट्टा हवा में लहरा रहा था, और उसके चेहरे की मासूमियत ने अहमद की दुनिया बदल दी। दिल ने कहा—"यही है वो, जिसके लिए मैं बना हूँ।" 2. Admiration (दूर से चाहना) हर जुमे को अहमद वहाँ पहुँचता, सिर्फ़ नूर की एक झलक पाने के लिए। उसकी मुस्कान अहमद के लिए दुआ जैसी थी। वो चुपचाप उसकी राह देखता, उसकी हर हरकत दिल में उतार लेता। 3. Conversation (पहली मुलाक़ात) एक दिन नूर की चप्पल सीढ़ियों पर फिसल गई। अहमद ने झुककर उसे संभाला और पहली बार आँखों से मुलाक़ात हुई। कुछ पल थम गए। "शुक्रिया," नूर ने कहा। वही शब्द अहमद की ज़िंदगी का सबसे बड़ा तोहफ़ा बन गया। 4. Confession (दिल की आवाज़) बरसों की ख़ामोशी के बाद अहमद ने हिम्मत जुटाई—"नूर, मैं तुम्हें चाहता हूँ। शायद ये इबादत है, शायद पागलपन, लेकिन ये सच है।" नूर चुप रही। उसकी आँखों में डर भी था और मोहब्बत भी। 5. Separation (ज़िंदगी की बेरहम चाल) नूर के घरवालों ने उसकी शादी किसी और से तय कर दी। अहमद टूट गया। दरगाह की सीढ़ियाँ जहाँ कभी नूर की झलक मिलती थी, अब अहमद की आँखों के आँसू समेटती थीं। 6. Obsession (इश्क़ का जुनून) अहमद ने सब कुछ छोड़ दिया। वो कव्वालियों में डूब गया, उसकी हर रूहानी धुन में नूर की तड़प गूँजती। लोग कहते—"ये लड़का पागल हो गया है।" लेकिन अहमद जानता था कि उसका इश्क़ ही उसकी रूह का आसरा है। 7. Death / Eternal Love (अमर मोहब्बत) बरसों बाद, एक रात, वही दरगाह की सीढ़ियाँ गवाह बनीं। अहमद वहीं बैठा था, नूर की याद में, उसकी तस्वीर सीने से लगाए। उसकी आँखें बंद हुईं, और दिल की धड़कनें ख़ामोश। सुबह लोग कहते—"अहमद चला गया," पर दरगाह की हवा अब भी कहती है— "इश्क़ मरता नहीं, बस रूह में समा जाता है।" ---
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