Quotes by Rajneesh Kumar Singh in Bitesapp read free

Rajneesh Kumar Singh

Rajneesh Kumar Singh

@rajneeshkumarsingh9426
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अडिग होकर बनाएं हम सदा जीवन सदाचारी,
रहें हम दूर उनसे जो हैं पापी और अनाचारी,
मिला है भाग्य से यह तन सफल जीवन ये कर जाएं,
हमारे धर्म और संस्कृति सदा हमको ये समझाये।।
(रजनीश सिंह)

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घोर निशा में चंदा के संग हमने बहुत सहारे देखे,
तम हरने को साथ निभाते टिम टिम करते तारे देखे।।

-Rajneesh Kumar Singh

तुम बनो यदि स्वर तो मै संगीत बन जाऊं तुम्हारा,
तेरी सरगम के बिना अस्तित्व ही क्या है हमारा।।
तुम बनो यदि......(रजनीश सिंह)

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मेरे प्रभु यह शक्ति दो सदगुण गृहण कर लूं,
दुख किसी को हो न ऐसा आचरण कर लूं।
स्नेह संचित भाव हों मैं जब कभी बोलूं,
दूसरा सुख में रहे तो मैं ही मैं रो लूँ,
प्रेमपूरित मै प्रभा का आवरण कर लूँ,
मेरे प्रभु यह शक्ति दो सदगुण गृहण कर लूं।।

-(Rajneesh Singh)

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मेरे प्रभु यह शक्ति दो सदगुण गृहण कर लूं,
दुख किसी को हो न ऐसा आचरण कर लूं।।
स्नेह संचित भाव हों मैं जब कभी बोलूं,
दूसरा सुख में रहे तो मैं ही मैं रो लूं,
प्रेमपूरित मैं प्रभा का आवरण कर लूं,
मेरे प्रभु यह शक्ति दो सदगुण गृहण कर लूँ,(रजनीश सिंह)

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न जाने कौन सी दौलत होती है कुछ लोगों की बातों में,
वह जब बोलते हैं तो मन ही खरीद लेते हैं।।

अडिग होकर बनाएं हम सदा जीवन सदाचारी,
रहें हम दूर उनसे जो हैं पापी और अनाचारी,
मिला है भाग्य से यह तन,
सफल जीवन ये कर जाएं।।
(रजनीश सिंह)

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सुख दुख तो मीत मेरे, साथ साथ चलता ।
बीत गया पल कभी भी लौट कर न मिलता ।
जीवन का हर एक पल खुशियों से संवार लो,
सुख है यदि बांटना तो
दुःख का भी भार लो।।
(रजनीश सिंह)

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हो घना कोहरा या पथ में लाख झंझावात आएं,
शिखर को छूते वही जो पथ कठिन अपना बनाएं।
क्या मिलेगा सुख सफलता यदि सरलता से मिले,
यश उन्हें मिलता सदा जो चीर कर धारा चलें।।
(रजनीश सिंह)

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Rajneesh Kumar Singh लिखित कहानी "गीतमाला ( हमारा देश और हमारी संस्कृति ) भाग 1" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
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