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Rachana Kulshrestha

Rachana Kulshrestha

@rachanakulshrestha2076


ताउम्र मुश्किलों से खेलते, ख़ुमार हो गया
टेढ़ी राह पे चलना आदत में शुमार हो गया

मुश्किल होती है अब जो मुश्किलों से मुलाक़ात न हो

- रचना १२ नवम्बर २०१३

#nomadicsoul #triveni #habit #freespirit

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Your Absence ❤️
#poem #thoughts #eternal #love

नहीं हूँ

नहीं हूँ। हाँ! नहीं हूँ।
मैं अब वहाँ नहीं हूँ...

जहाँ किरदार बदल जाते हैं
मन्सूबे यूँ ही फिसल जाते हैं
असली चेहरा देखती जहाँ नहीं हूँ
मैं अब वहाँ नहीं हूँ...

जहाँ इंसान की कद्र नहीं होती
दूसरे की हँसी से जलन नहीं सोती
शालीनता पाती जहाँ नहीं हूँ
मैं अब वहाँ नहीं हूँ...

जहाँ मीठे बोल ज़हर घुले आते हैं
रंजिश भरे ताने-तीर चले आते हैं
गहराई ढूँढ पाती जहाँ नहीं हूँ
मैं अब वहाँ नहीं हूँ...

जहाँ पर मिट्टी सोना नहीं होती
फसल होती है बारिश नहीं होती
बातों में स्वाद पाती जहाँ नहीं हूँ
मैं अब वहाँ नहीं हूँ...

जहाँ कोई दुश्मन नहीं होते हैं...
बस दोस्त ही घात लगाए होते हैं
मुफ़्त भरोसा दे पाती जहाँ नहीं हूँ
मैं अब वहाँ नहीं हूँ...

जहाँ पीठ पर घाव उकेरे गए हैं
भारी शाम ख़ाली सवेरे गए हैं
चोट पे मरहम पाती जहाँ नहीं हूँ
मैं अब वहाँ नहीं हूँ...
मैं अब वहाँ नहीं हूँ।

- रचना कुलश्रेष्ठ
2 नवम्बर 2020

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मन के बाग़ीचे से जब ख्याल तोड़ो
पहले उसे पानी में ज़रा खँगाल लो
फिर सूखी पत्तियाँ अलग कर के
ताज़ा पत्तियाँ फिर से निथार लो
फिर भाषा का नमक लगाके थोड़ा
मद्धम आँच पर चढ़ा कर छोड़ दो
धीरे-धीरे पकने दो कि ख़ुश्बू आए
लफ़्ज़ों की मोहब्बत रंग तो लाए
फिर कोरे काग़ज़ पर परोस लाना
दो घूँट चाय पर ख़्याली चर्चा होगी

©️रचना

#kvyotsav -2

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