Quotes by Premdas Vasu Surekha in Bitesapp read free

Premdas Vasu Surekha

Premdas Vasu Surekha

@premdasvasusurekha7721


खुले लोकतंत्र में पशु तंत्र ही सबसे बड़ा हथियार है
कहने वाले कहते नही सबकी जुबान बंद है
कब तक होगा ये सब नहीं शास्वत रहने वाला है
आज नहीं तो कल फिर देखो शमशान का ढेर है

अतिवाद ने हमेशा ही सर्वनाश मानव किया है
समता का संदेश न देना अहंकार का बीज है
आज हुआ है बुरा कल फिर किसका नंबर है
खुले चौराहे पै आज टांक दो मानवता की हार है


**प्रेमदास वसु सुरेखा**

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#सामान

सा ---- जो सम्भल गया
मा ---- जो मान गया
न ----जो नकल नही करता

अर्थात जो अपनी जिन्दगी मे सम्भल गया, मान गया और जो नकल कर के नही मेहनत कर के सीख गया वही अपना सामान हो गया......

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#सभ्य


**** है प्रकृति माँ ही वसु****


शुद्धकरणम् शुद्धपादम् शुद्धरूपम् है प्रकृति वसु
चारूदत्तम् नेत्रसौभ्यम् नर बना है आज पशु
करतवन्दन मलतअधरम् लाली दिख रही है

वरदान रूपम वरदान रूपम है
है प्रकृति मां ही वसु .......


थका हुआ नर छेड़ रहा अपने को ही मार रहा
झूठ मुठ और धोखा लपटी देखो दुनिया कह रहा
आत्मरूपम् प्रकृतिरूपम् आंखें बंद कर रहा

वर नहीं अब कुछ करने का
कर्मरूपम् धर्मरूपम्
है प्रकृति मां ही वसु


दिखाया है हमने दुनिया को प्रकृति हमारी दासी
वैभवता कि शून्यता में हो रही है बर्बादी
सत्य को अब जानो कर्मों की लीला होती है

अकर्मी जन का नाम
परख प्रकाश आज बनो
सद् ज्ञानरूपम् धर्मरूपम्
सत्यरूपम् सत्यरुपम्
है प्रकृति मां ही वसु.......


सद्कवि-- प्रेमदास वसु सुरेखा

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**** है प्रकृति माँ ही वसु****


शुद्धकरणम् शुद्धपादम् शुद्धरूपम् है प्रकृति वसु
चारूदत्तम् नेत्रसौभ्यम् नर बना है आज पशु
करतवन्दन मलतअधरम् लाली दिख रही है

वरदान रूपम वरदान रूपम है
है प्रकृति मां ही वसु .......


थका हुआ नर छेड़ रहा अपने को ही मार रहा
झूठ मुठ और धोखा लपटी देखो दुनिया कह रहा
आत्मरूपम् प्रकृतिरूपम् आंखें बंद कर रहा

वर नहीं अब कुछ करने का
कर्मरूपम् धर्मरूपम्
है प्रकृति मां ही वसु


दिखाया है हमने दुनिया को प्रकृति हमारी दासी
वैभवता कि शून्यता में हो रही है बर्बादी
सत्य को अब जानो कर्मों की लीला होती है

अकर्मी जन का नाम
परख प्रकाश आज बनो
सद् ज्ञानरूपम् धर्मरूपम्
सत्यरूपम् सत्यरुपम्
है प्रकृति मां ही वसु.......


सद्कवि-- प्रेमदास वसु सुरेखा

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