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कुछ बाते थी जो बताना चाहता था। तेरी मुस्कुराहट पे अपना दिन बिताना चाहता था। थोड़ी सी ही सही पर महॉब्बत की थी तुमसे बस दिल से ये बात बताना चाहता था। लिखता हूं आज भी तो कलम रुकती नहीं है मेरी तेरी नादानियां पे हसना चाहता था। रूठ सी गई है जिंदगी तेरे बिना तेरी बूंद सी महॉब्बत में डूबना चाहता था। तेरे वो मासूम सवालों जवाब आज भी याद है में उन पलों को फिर से जीना चाहता था। तुम्हारे साथ गुजरी वो साम मेरी जिंदगी के सबसे हसीन साम थी ये कहना चाहता था। पता नहीं किसकी नजर लगी हमे, थोड़ी सी ही सही पर महॉब्बत की थी तुमसे बस दिल से ये बात बताना चाहता था। कुछ बाते थी जो बताना चाहता था। कुछ बाते थी जो बताना चाहता था।
वो जो आज हस रहे है वो कल भी कल भी हसेगे परसो बात कुछ और होगी। वो जो आज खिले है वो कल भी महकेंगे परसो बात कुछ और होगी । आज हम खामोश है कल भी सायाद खामोश रहेंगे परसो बात कुछ और होगी। परिवर्तन ही तो संसार का नियम है, आज तुम गुरूर के समंदर में डूब रहे हो कल हम डूबेंगे परसो बात कुछ और होगी।
भूतकाल की भस्म लगा कर जा रहे हो तो सही जा रहे हो तुम रेत के ढेर में समंदर को खोजने जा रहे हो तो सही जा रहे हो तुम तूफानों के दिए हवा के जोको से डरा नहीं करते बड़े अंधेरे कमरे में उजाला करते जा रहे हो तो सही जा रहे हो तुम।
शुक्रिया जनाब हमें खुद से वाकिफ कराने के लिए शुक्रिया जनाब हमें जिंदगी के तरीके शिखाने के लिए हम इतने मासूम है वो हमे भी पता नहीं था शुक्रिया जनाब हमारी मासूमीयत का फायदा उठाने के लिए
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