Quotes by परेश मेहता in Bitesapp read free

परेश मेहता

परेश मेहता

@ppmehtayahoocom2636


अद्भुत व्याख्या, अवश्य सुने।

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2020, તું યાદગાર વરસ બનીને ચાલી ગયું...


વિદાય તારી, વસમી નહીં પણ, વ્હાલી છે, તું એ બતાવી ગયું,

સૌનાં દિલમાં ધિક્કાર ની ભાવના, તારા માટે, તું જગાવી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!


સો વરસોમાં પહેલીવાર, તારી જાત,બતાવી ગયું,

આખા જગતમાં, ભારે ઉત્પાત મચાવી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!


બધાંય તહેવારોની ઉજવણી, તું ભુલાવી ગયું,

ખુદની સાથે યાદગાર એક, પ્રવાસ કરાવી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!


દુનિયાને, ઘરનાં એક, ઓરડામાં સમાવી ગયું,

આખા જગતને, તારી મુઠ્ઠી ની ભીંસમાં દબાવી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!


કુટુંબની વ્યાખ્યા, વળી નવી શીખવાડી ગયું,

પ્રિયજનો ને, આપ્તજનો નો, સાથ છોડાવી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!


એકલતાની મિત્રતાનું, મહત્વ સમજાવી ગયુ

સંબંધો, આંગળીનાં ટેરવે, નિભાવતાં શીખવાડી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!


જીવનમાં સ્વચ્છતા ની જરુરીયાત, બતાવી ગયું,

અસ્વચ્છતા મનની, દુર કરતાં શીખવાડી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!


ઓછી જરુરીયાતોથી, જીવતાં શીખવાડી ગયું,

એક વિષાણુ, જનજીવનને છિન્ન ભિન્ન, કરી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!


માનવજીવનને નવાં, મૂલ્યો શીખવાડી ગયું,

આત્મનિર્ભર રહેતાં સૌને, શીખવાડી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!


ચહેરાની સુંદરતા ને, માસ્કથી ઢાંકી ગયું,

આંખોની ભાષા, બોલતાં શીખવાડી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!


ચાર દીવાલોની વચ્ચે, મનુષ્યને, કેદમાં રહેતાં શિખવાડી ગયું,

પ્રાણીઓ અને પક્ષીઓ ને, મુક્ત વિહાર કરાવી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!


પારકાં અને પોતાનાં, સૌને રડાવી ગયું,

“ચાહત” સૌને મનની, કરતાં શીખવાડી ગયું,

2020, તું યાદગાર વરસ, બનીને ચાલી ગયું!!


💕ચાહત💕

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Good night friends.

Love is patient, love is kind. It does not envy, it does not boast, it is not proud.

It is not rude, it is not self-seeking, it is not easily angered, it keeps no record of wrongs.

Love does not delight in evil but rejoices with the truth.

It always protects, always trusts, always hopes, always perseveres.

Love never fails.
But where there are prophecies, they will cease; where there are tongues, they will be stilled; where there is knowledge, it will pass away.

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# विरासत

चप्पा-चप्पा भर जाएगा,
राम के दीवानों से..
आज देश गूँज उठेगा,
जयश्रीराम के नारों से..
*जय_श्री_राम*

मित्रता दिवस की सभी मित्रों को शुभकामनायें।

*विचारों को वश में रखिये*
*"वो तुम्हारें शब्द बनेंगे"*
*शब्दों को वश में रखिये*
*"वो तुम्हारें कर्म बनेंगे"*
*कर्मों को वश में रखिये*
*"वो तुम्हारी आदत बनेंगे"*
*आदतों को वश में रखिये*
*"वो तुम्हारा चरित्र बनेगा"*
*चरित्र को वश में रखिये*
*"वो तुम्हारा भाग्य बनेंगे।*
🙏🌹जय श्री राधे कृष्णा🌹🙏

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जाने क्यूँ,
अब शर्म से,
चेहरे गुलाब नहीं होते।*

जाने क्यूँ,
अब मस्त मौला
मिजाज नहीं होते।*

पहले बता दिया करते थे,
दिल की बातें,

जाने क्यूँ,अब चेहरे,
खुली किताब नहीं होते।

सुना है,बिन कहे,
दिल की बात, समझ लेते थे

गले लगते ही,
दोस्त,
हालात समझ लेते थे।

तब ना फेस बुक था,
ना स्मार्ट फ़ोन,
ना ट्विटर अकाउंट,

एक चिट्टी से ही,
दिलों के जज्बात, समझ लेते थे।

सोचता हूँ,
हम कहाँ से कहाँ
आ गए,

व्यावहारिकता सोचते सोचते,
भावनाओं को खा गये।

अब भाई भाई से,
समस्या का
समाधान,कहाँ पूछता है,

अब बेटा बाप से,
उलझनों का निदान,
कहाँ पूछता है

बेटी नहीं पूछती,
माँ से गृहस्थी के सलीके,

अब कौन गुरु के,
चरणों में बैठकर,
ज्ञान की परिभाषा सीखता है।

परियों की बातें,
अब किसे भाती है,

अपनों की याद,
अब किसे रुलाती है,

अब कौन,
गरीब को सखा बताता है,

अब कहाँ,
कृष्ण सुदामा को गले लगाता है

जिन्दगी में,
हम केवल
व्यावहारिक हो गये हैं,

मशीन बन गए हैं हम सब,

इंसान जाने कहाँ खो गये हैं!

इंसान जाने कहां खो गये हैं....!

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कुछ गहरा सा लिखना था,
"इश्क" से ज्यादा क्या लिखूं.

कुछ ठहरा सा लिखना था,
तेरे "एहसास'' से ज्यादा क्या लिखूं.

कुछ समन्दर सा लिखना था,
"जज्बात" से ज्यादा क्या लिखूं.

सुनो अब जिन्दगी लिखनी है,
"तुमसे" ज्यादा और क्या लिखूं .....!!

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