The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
अगर लिखना चाहूं भी में तेरे बारे मे, तो क्या लिखूं... कुछ अनकहे अल्फाज़ है, कुछ अनसुनी सी बातें... जो न में समझा पाऊंगी, ना तू समज सकेगा... पढ़ लिया जो इस जमाने ने, दूरियां यह बढ़ने लगेगी... -Pallavi Trivedi
यहां हर किसी के साथ हु में, पर ख़ुद से मिलो दूर... हर कोई खुश है मेरे व्यवहार से, लेकिन मैं खफा हूं अपने आप से...
कुछ धुंधली सी यादें थी बीते हुए कल की, जिसे डायरी के पन्नों में केद कर हमेशा के लिए छुपा के रखा था, कमबख्त हवा की लेहर ने सब बिखेर दिया, और वोह यादें दिल पर एक ज़ख्म दे गई.... -Pallavi Trivedi
मेरी डायरी के उन पुराने पन्नों में तेरा ज़िक्र आज भी है ना चाह के भी मेरे इस दिल को तेरी फ़िक्र आज भी है... मेरी बेकरार निगाहों को तेरा इंतज़ार आज भी है मेरी बेहकी हुई सी बातों में तेरा इकरार आज भी है... -Pallavi Trivedi
वोह हमेशा कहते रहे , वक़्त के साथ बदलना सीखो... फिर जब वोह खफा हुए हमने भी उन्हें मनाना छोड दिया... वोह हमेशा कहते रहे , वक़्त के साथ बदलना सीखो... फिर एक दिन हमने भी बदलाव अपना कर उनकी बात सुनना बंद है कर दीया... -Pallavi Trivedi
कुछ तुम्हारी, कुछ मेरी बात करते हैं... आओ सब मिलकर एक मेहफ़िल सजाते हैं... वो बचपन के मस्ती भरे पल याद करते हैं... आओ सब मिलकर एक मेहफ़िल सजाते हैं... अरसे बाद आज बेफिक्र रहने वाले खुद से मुलाकात करते हैं... आओ सब मिलकर एक मेहफ़िल सजाते हैं... जिंदगी के अफसाने के कुछ लम्हों को अनमोल बनाते हैं... यारों आओ सब मिलकर एक मेहफ़िल सजाते हैं...
એક સ્ત્રી દીકરી, બહેન, વહું અને પત્ની હોય છે ત્યાં સુધી બધું જ સહન કરતી રહે છે... પણ જ્યારે એ માં બને એટલે જરૂર પડ્યે બળવાખોર બનતા શીખી લે છે... #બળવાખોર
कुछ इस कदर.... इस बार हमारी बारी है जनाब 😜😎
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser