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Nisha Upadhyay

Nisha Upadhyay

@nishaupadhyay7749


लोग कहते हैं मुझसे कि बहुत गुरूर है तुममें ,
अब उन्हें कैसे समझाऊं कि मेरी ये हालत गुरूर जाने के बाद हुई।



निशा उपाध्याय

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एक तिनके को भी खुद पर नाज़ होना चाहिए ,
जिसको बटोर कर पक्षी घोसले को रहने के योग्य बनाते हैँ !

उडती तितलियोँ के पर आजा़द है !
नदियोँ मे समेटने की चाह बहुत होती है,पर जरा सी और मिल जाने पर बावडी होना लाजि़म है!
मानव का तृप्त एवँ शान्त मन एक गहरे समुद्र की भाँति होता है,जो लाख बातो को अपने अन्दर समाहित करके मनचलो की तरह जीता है!
अगाध प्यार करे कोई अपने चाहने वाले से,पर कभी कभी तिनके सी बात नासूर बना देती है !
ना कर गुरुर ये काया अपने माटी के तन पर, क्योकि तेरी औकात ही यही है,कि रईस बनकर भी तू इसी मे सिमट जायेगी !
नया वर्ष पुराना वर्ष सब कहने के है,चार दिन इस जिन्दगी मे रहने के है !
जिन्दगी काटने के लिए हमसफर की तलाश करते है लोग,पर सच्चा हमसफर अपने आप का कोई नही है !

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corona 😂😂😂

उसने कहा तू पागल है
मैने इसको अपनी फितरत समझ ली
पर सम्भली तो याद आया उसकी तो ये बात भी
सच ना निकली

बहुत सम्भलकर रखना पग
ज़माना पाँव पकडता है
हमेशा दुःख ही देता है
कभी ना साथ चलता है ।

dukh me jo sabse pahle yad aaye, aur khushi me aapse bhi jayada khush ho, aisa hamsafar bhut naseeb se milta hai.

ek kubsurat chara kabhi sachha payar nahi ho sakta' payar wo karta hai jiska dil khubsurat ho